हार्ट ब्लॉकेज के इलाज के लिए स्टंट और बाईपास सर्जरी, जानें एक्सपर्ट की राय
punjabkesari.in Friday, Mar 28, 2025 - 04:09 PM (IST)

नेशनल डेस्क: आजकल दिल की बीमारी, खासकर हार्ट ब्लॉकेज, एक आम समस्या बन गई है। जब दिल की धमनियां ब्लॉक हो जाती हैं, तो खून का सही तरीके से पंप होना मुश्किल हो जाता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या मरीज को स्टंट डलवाना चाहिए या फिर बाईपास सर्जरी करानी चाहिए। आइए, एक्सपर्ट की राय जानते हैं।
स्टंट डलवाना: कब और क्यों?
दिल्ली के राजीव गांधी अस्पताल में कार्डियोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अजीत जैन बताते हैं कि स्टंट एक छोटा जालीदार ट्यूब होता है, जो ब्लॉक हुई धमनी में डाला जाता है ताकि खून का बहाव सही रहे। यह तरीका तब अपनाया जाता है जब ब्लॉकेज ज्यादा गंभीर नहीं होता और सिर्फ एक-दो जगह धमनियों में रुकावट होती है। स्टंट डालने के बाद मरीज जल्दी ठीक हो जाता है और उसे ज्यादा दिनों तक अस्पताल में रुकने की जरूरत नहीं पड़ती।
हालांकि, एक समस्या यह है कि कुछ मामलों में ब्लॉकेज फिर से हो सकता है। इसके अलावा, स्टंट डालने के बाद मरीज को कई महीनों तक खून पतला करने की दवाएं लेनी होती हैं। स्टंट डालने से पहले कई प्रकार की जांच भी की जाती है।
कब जरूरी होती है बाईपास सर्जरी?
अगर ब्लॉकेज ज्यादा बढ़ चुका है, कई धमनियों में रुकावट हो और डॉक्टर को लगता है कि स्टंट से काम नहीं चलेगा, तो बाईपास सर्जरी की जरूरत पड़ती है। इसमें शरीर की किसी और नस को ब्लॉक हुई धमनी के पास जोड़ दिया जाता है, ताकि खून का बहाव नया रास्ता बना ले। यह तरीका स्टंट से ज्यादा असरदार होता है, लेकिन सर्जरी बड़ी होने की वजह से रिकवरी में समय लगता है और मरीज को ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है।
स्टंट या बाईपास: क्या बेहतर है?
डॉ. अजीत जैन का कहना है कि यह पूरी तरह मरीज की हालत पर निर्भर करता है। यदि ब्लॉकेज कम है और हार्ट ज्यादा कमजोर नहीं है, तो स्टंट बेहतर विकल्प है। लेकिन अगर ब्लॉकेज ज्यादा है, डायबिटीज है या मरीज को पहले भी हार्ट अटैक आ चुका है, तो बाईपास सर्जरी ही सही रहती है। सबसे जरूरी बात यह है कि बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी फैसला न लें। जो डॉक्टर कहें, वही इलाज करवाना चाहिए।
हार्ट को हेल्दी रखने के उपाय
डॉ. जैन बताते हैं कि हार्ट में ब्लॉकेज जैसी समस्या से बचने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है जीवनशैली और खानपान पर ध्यान देना। अगर सही समय पर सावधानी बरती जाए, तो हार्ट को लंबे समय तक स्वस्थ रखा जा सकता है। इसके लिए हेल्दी डाइट, हरी सब्जियां और फल खाने, नमक और चीनी की मात्रा कम करने की सलाह दी जाती है। साथ ही, नियमित एक्सरसाइज, स्ट्रेस फ्री लाइफस्टाइल और योग करना भी जरूरी है। इसलिए, अगर आप हार्ट से जुड़ी किसी भी समस्या का सामना कर रहे हैं, तो डॉक्टर से परामर्श लें और अपने जीवनशैली में सुधार करें ताकि आपका दिल स्वस्थ रहे।