ISRO प्रमुख एस. सोमनाथ का बयान, कहा- भारत की अंतरिक्ष व्यापार में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र का अहम योगदान
punjabkesari.in Saturday, Nov 30, 2024 - 02:26 PM (IST)
नेशनल डेस्क. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने शुक्रवार को कहा कि भारत की अंतरिक्ष गतिविधियों को बढ़ाने और वैश्विक बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने में निजी क्षेत्र और स्टार्टअप्स का महत्वपूर्ण योगदान होगा। वे केरल स्टार्टअप मिशन द्वारा आयोजित Huddle Global 2024 में 'ISRO का दृष्टिकोण और भारत की अंतरिक्ष टेक कंपनियों का उदय' विषय पर संबोधित कर रहे थे।
वैश्विक अंतरिक्ष व्यापार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने का लक्ष्य
सोमनाथ ने कहा- "हालांकि भारत को एक मान्यता प्राप्त अंतरिक्ष शक्ति माना जाता है। फिर भी भारत की वैश्विक अंतरिक्ष व्यापार में हिस्सेदारी सिर्फ 2 प्रतिशत है, जो लगभग 386 अरब डॉलर है। हमारा लक्ष्य इसे 2030 तक 500 अरब डॉलर और 2047 तक 1.5 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ाना है।"
निजी क्षेत्र के लिए व्यापारिक संभावनाएं
सोमनाथ ने निजी क्षेत्र के लिए व्यापारिक संभावनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि भारत के पास सिर्फ 15 सक्रिय अंतरिक्ष उपग्रह हैं, जो अपेक्षाकृत कम हैं। भारत में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का विशाल अनुभव और उपग्रह निर्माण कंपनियों की बढ़ती संख्या के साथ भारत के पास कम से कम 500 उपग्रहों का नेटवर्क होना चाहिए।"
सोमनाथ ने बताया कि निजी कंपनियों की बढ़ती संख्या अब उपग्रह बनाने और उन्हें कक्षा में भेजने की क्षमता रखती है। साथ ही निजी लांचपैड भी अब स्थापित हो रहे हैं। 2014 में एक भी अंतरिक्ष स्टार्टअप नहीं था, जबकि अब 2024 में यह संख्या 250 से अधिक हो गई है। सिर्फ 2023 में अंतरिक्ष स्टार्टअप्स ने 1,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश आकर्षित किया।
भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में बड़ी बढ़त
भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में मंगल ग्रह पर अनुसंधान से लेकर मानव अंतरिक्ष मिशन जैसे महत्वाकांक्षी योजनाओं की ओर बढ़ रहा है। सोमनाथ ने कहा कि भविष्य में भारत के गगनयान मिशन (मानव अंतरिक्ष मिशन) और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स ISRO और निजी क्षेत्र के सहयोग से होंगे। निजी क्षेत्र के लिए छोटे उपग्रहों की डिजाइनिंग, संचार प्रणालियों, अंतरिक्षीय समाधान, कक्षीय ट्रांसफर वाहनों और अन्य क्षेत्रों में काम करने की विशाल संभावनाएं हैं।
तकनीकी ट्रांसफर से अन्य उद्योगों को मिलेगा फायदा
उन्होंने बताया कि ISRO ने ऐसे सैकड़ों क्षेत्रों की पहचान की है, जो अंतरिक्ष मिशनों के लिए किए गए अनुसंधान से लाभान्वित हो सकते हैं। इसके लिए कुछ चयनित उद्योगों से बात भी शुरू हो चुकी है ताकि तकनीक को उन्हें ट्रांसफर किया जा सके।
भारत ने अंतरिक्ष में महत्वपूर्ण कदम उठाए
सोमनाथ ने बताया कि अब तक भारत ने 431 विदेशी उपग्रहों को अंतरिक्ष में लॉन्च किया है। ISRO अब तक 61 देशों के साथ विभिन्न प्रोजेक्ट्स पर सहयोग कर रहा है। इनमें NISAR (NASA के साथ), TRISHNA (CNES फ्रांस के साथ), G20 सैटेलाइट और लूना पोलर एक्सप्लोरेशन मिशन (JAXA जापान के साथ) शामिल हैं।
एलन मस्क की अंतरग्रहणीय जीवन की कल्पना को सराहा
एक सवाल के जवाब में सोमनाथ ने एलन मस्क के अंतरग्रहणीय निवास के दृष्टिकोण की सराहना की और कहा- "मनुष्यों का प्रकृति में अन्वेषण करने की इच्छा है। हम एक जगह से शुरू होकर विभिन्न महाद्वीपों में फैले हैं और यह अन्वेषण की प्रवृत्ति मनुष्य में शुरू से रही है।"