भारतीय गौरव की नई उड़ान: एस्ट्रोनॉट नंबर 634 बने शुभांशु शुक्ला, अंतरिक्ष से भारत को भेजा पहला संदेश
punjabkesari.in Thursday, Jun 26, 2025 - 11:38 PM (IST)

नई दिल्ली/ह्यूस्टन: भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया है। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अब आधिकारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पहुंच चुके हैं। शुभांशु, एस्ट्रोनॉट नंबर 634 के रूप में अंतरिक्ष यात्रियों की सूची में शामिल हो गए हैं। उनके इस मिशन के साथ भारत का नाम वैश्विक मानव अंतरिक्ष अभियानों में और मजबूत हो गया है।

स्पेसएक्स ड्रैगन से सफल डॉकिंग
शुभांशु और उनकी Ax-4 मिशन टीम ने बुधवार शाम 4:10 बजे (भारतीय समयानुसार) स्पेसएक्स के ड्रैगन यान के ज़रिए ISS से सफलतापूर्वक डॉकिंग की। करीब 1-2 घंटे की सुरक्षा जांच के बाद स्टेशन का हैच (प्रवेश द्वार) खोला गया और फिर हुआ एक भावनात्मक स्वागत।

गर्मजोशी से हुआ स्वागत
-
NASA की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन ने शुभांशु को गले लगाकर उनका स्वागत किया और कहा: “हमारे नए दोस्त का स्वागत है।”
-
उन्हें ‘एस्ट्रोनॉट नंबर 634’ का बैच सौंपा गया।
-
स्वागत के दौरान ISS क्रू ने उन्हें माइक्रोग्रैविटी स्पेशल ड्रिंक जैसे नींबू पानी और पानी की पाउच दीं, जिन्हें स्ट्रॉ से पिया गया।
शुभांशु का भारत को संदेश: “यह मेरे लिए ही नहीं, पूरा भारत के लिए गर्व का पल है। आपके आशीर्वाद से मैं सुरक्षित यहां तक पहुंचा हूं। यह अनुभव आसान नहीं, लेकिन ऐतिहासिक है।”

ISS में रहन-सहन:
अंतरिक्ष में ज़मीन जैसी स्थिरता नहीं होती, इसलिए शुभांशु को भी:
-
दीवारों पर लगे हैंडल और पैरों के लूप का इस्तेमाल करना होगा ताकि वे तैरते न रहें।
-
वे वेल्क्रो स्ट्रैप वाले स्लीपिंग बैग में सोएंगे।
-
मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखने के लिए ट्रेडमिल और प्रतिरोधक मशीनों पर वर्कआउट करेंगे।
अंतरिक्ष में ‘देसी स्वाद’
शुभांशु अपने साथ कुछ खास भारतीय व्यंजन भी लेकर गए हैं:
-
आमरस
-
गाजर का हलवा
-
मूंग दाल हलवा
ये व्यंजन वह अपने क्रू के साथ बांटेंगे और अंतरिक्ष में भारत का स्वाद महसूस कराएंगे।
60 वैज्ञानिक प्रयोग, 7 भारतीय प्रयोग शामिल
Ax-4 मिशन के दौरान शुभांशु और उनकी टीम कुल 60 वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे, जिनमें 7 भारत से जुड़े प्रोजेक्ट भी शामिल हैं:
-
अंतरिक्ष में बीज उगाने का प्रयास, ताकि भविष्य में स्पेस फार्मिंग की संभावना तलाशी जा सके।
-
कठोर परिस्थितियों में जीवित रहने वाले सूक्ष्म जीवों (extremophiles) का अध्ययन।
-
जापानी ‘किबो लैब’ मॉड्यूल में माइक्रोस्कोप और बायोरिएक्टर की मदद से जैविक शोध।
इन प्रयोगों से भारत के मानव अंतरिक्ष मिशन कार्यक्रम, विशेषकर गगनयान मिशन, को वैज्ञानिक आधार और अनुभव मिलेगा।
क्या है Ax-4 मिशन?
Axiom Space के नेतृत्व में चल रहा Ax-4 मिशन एक वाणिज्यिक (commercial) मिशन है, जो विभिन्न देशों से आए वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष यात्रियों को एक साथ ISS तक ले जाता है। शुभांशु इस मिशन में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।