भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं सालगिरह: संसद में PM मोदी के भाषण की खास बातें

punjabkesari.in Wednesday, Aug 09, 2017 - 01:28 PM (IST)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर जनप्रतिनिधियों से दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनों का भारत बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि देश से गरीबी, अशिक्षा, कुपोषण और भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए ‘हमें 1942 के आंदोलन की दृढ़ इच्छाशक्ति को पुनर्जिवित करना होगा।‘  मोदी ने लोकसभा में अगस्त क्रांति की 75वीं वर्षंगाठ के अवसर पर अपने विशेष संबोधन में यह बात कही।

-राजनीति से ऊपर राष्ट्रनीति होती है। अगर हम सब मिलकर संकल्प लें तो समस्त चुनौतियों का समाधान निकाल सकते हैं।

-2022 तक ‘नए भारत’ के निर्माण की शपथ लें।

-1857 में क्रांति का बिगुल बजा। 1857 से 1947 तक आंदोलन में कई पड़ाव आए।

-महात्मा गांधी के 1942 में ‘करो या मरो’ के नारे ने पूरे देश को प्रेरित किया, आज का नारा है 'करेंगे या कर के रहेंगे।

-बाल गंगाधर तिलक ने नारा दिया था स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा। आज हमें यह नारा देना है कि हम सब मिलकर देश से भ्रष्टाचार दूर करेंगे और करके रहेंगे, गरीबों को उनका अधिकार दिलाएंगे और देकर रहेंगे, कुपोषण की समस्या खत्म करेंगे और करके रहेंगे, महिलाओं की बेड़ियां तोड़ेंगे और तोड़कर रहेंगे, अशिक्षा खत्म करेंगे और करके रहेंगे।

-पीएम मोदी ने संसद में रामवृक्ष बेनीपुरी की किताब जंजीरें और दीवारें की पक्तियां पढ़ी।

-आज जब हम 2017 में है तो हमारे पास गांधी नहीं है, उस समय जैसा नेतृत्व नहीं है. लेकिन 125 करोड़ देशवासियों के पास ये क्षमता है कि हम गांधी के सपनों को पूरा कर सकते हैं।

-1942 में भी अलग विचारधारा के लोग थे, अब भी ऐसा है।

- साल 1942 में हुए ऐतिहासिक आंदोलन में भाग लेने वाले सभी लोगों को सलाम। आज सभी को इससे प्रेरणा लेनी चाहिए।

वहीं राज्यसभा में चर्चा के दौरान वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि हमारे देश के जवानों में देश की सुरक्षा करने की क्षमता है। देश के लिए सबसे बड़ी चुनौती आतंकवाद है। उन्होंने कहा कि देश के कई हिस्सों में जो लोग संविधान को नहीं मानते हैं, वो संविधान पर आक्रमण कर रहे हैं।
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बता दें कि 9 अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत मानी जाती है लेकिन इसका आरंभ 8 अगस्‍त 1942 से हुआ था। 8 अगस्‍त 1942 को बंबई के गोवालिया टैंक मैदान पर अखिल भारतीय कांग्रेस महासमिति ने वह प्रस्ताव पारित किया था, जिसे 'भारत छोड़ो' प्रस्ताव कहा गया। इसके बाद से ही ये आंदोलन व्‍यापक स्‍तर पर आरंभ किया गया।


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