कैंसर मरीजों के लिए वरदान हैं ये खास अंडे... पति-पत्नी का अनोखा प्रयोग, अब लाखों लोगों तक पहुंचा रहे हैं हेल्दी डाइट
punjabkesari.in Wednesday, Sep 10, 2025 - 12:20 PM (IST)

नेशनल डेस्क : भोपाल के आदित्य गुप्ता और उनकी पत्नी दिशा गुप्ता की कहानी बिल्कुल अलग और प्रेरणादायक है। दोनों ने पोल्ट्री फार्मिंग को एक नई दिशा दी है और इसे सिर्फ मांस व अंडों के कारोबार तक सीमित न रखकर सेहत और पोषण से जोड़ दिया है।
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कैंसर ने बदल दी सोच
आदित्य गुप्ता कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई कर चुके हैं। पढ़ाई के बाद वे सामान्य करियर चुन सकते थे, लेकिन साल 2018 में कैंसर होने के बाद उनकी सोच पूरी तरह बदल गई। इलाज के दौरान उन्हें आयुर्वेद और जड़ी-बूटियों से नई ऊर्जा मिली। तभी उन्होंने ठान लिया कि अब उनका जीवन उद्देश्य लोगों तक पोषण पहुंचाना होगा।
जड़ी-बूटियों से बना यूनिक फीड
आदित्य ने पोल्ट्री फार्मिंग में बड़ा प्रयोग किया। उन्होंने करीब 200 औषधीय पौधों से एक खास फॉर्मूला तैयार किया और इसे मुर्गियों की फीड में शामिल किया। इस फीड से मिलने वाले अंडे खास हैं, इनमें कोलेस्ट्रॉल और फैट कम होता है, जबकि ओमेगा-5 और ओमेगा-7 जैसे दुर्लभ फैटी एसिड पाए जाते हैं। यही वजह है कि ये अंडे उन लोगों के लिए भी सुरक्षित हैं जिन्हें सामान्य अंडों से एलर्जी हो जाती है।
दिशा बनीं सबसे बड़ा सहारा
जहां आदित्य ने रिसर्च और उत्पादन पर ध्यान दिया, वहीं उनकी पत्नी दिशा ने मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन संभाला। कोरोना लॉकडाउन के समय जब स्टाफ नहीं मिल रहा था, तब यह दंपति खुद अस्पतालों और डॉक्टरों तक अंडे पहुंचाने गया। उनका मकसद था कि महामारी के समय भी पौष्टिक अंडे लोगों तक पहुंचते रहें।
'अंडा क्रांति' की तैयारी
अब आदित्य और दिशा अपने काम को बड़े स्तर पर ले जाने की योजना बना रहे हैं। उनका मानना है कि हर जड़ी-बूटी में औषधीय गुण होते हैं जिन्हें खाने के साथ जोड़ा जा सकता है। वे मानते हैं कि उनके बनाए अंडे मोटापा जैसी बीमारियों से बचाव में मदद कर सकते हैं। आदित्य ओमेगा-7 आधारित चिकित्सा पर भी काम कर रहे हैं, जिससे यह पहल एक 'अंडा क्रांति' का रूप ले सके।
क्यों खास है यह कहानी?
यह कहानी सिर्फ बिज़नेस की नहीं, बल्कि हिम्मत और नवाचार की भी है। गंभीर बीमारी जैसी चुनौती के बाद हार न मानते हुए आदित्य और दिशा ने इसे अवसर में बदला। उन्होंने अंडों को केवल प्रोटीन का स्रोत न मानकर उन्हें 'औषधीय भोजन' बना दिया। यही वजह है कि उनकी पहल अब लाखों लोगों के लिए उम्मीद की किरण बन चुकी है।