मां को दिखाने लाया गर्लफ्रेंड... नहीं आई पसंद तो खोया आपा, तेल छिड़ककर मां को लगाई आग

punjabkesari.in Wednesday, Jun 25, 2025 - 02:43 PM (IST)

नेशनल डेस्क: केरल से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहाँ एक बेटे ने अपनी माँ की बेरहमी से हत्या कर दी। यह जघन्य अपराध तब हुआ जब माँ ने एक बार फिर बेटे के किसी निजी रिश्ते पर सवाल उठाए। इसके बाद बेटे का गुस्सा इतना बेकाबू हो गया कि उसने मानवता की सारी हदें पार कर दीं। पुलिस की गहन जाँच के बाद सच्चाई सामने आई और अब अदालत ने दोषी बेटे को कठोर सज़ा सुनाई है।

उस रात की खौफनाक वारदात

जानकारी के अनुसार, जिस रात यह घटना हुई, माँ ने अपने बेटे विष्णु के किसी रिश्ते को लेकर दोबारा बात छेड़ी। इसी बात पर विष्णु का गुस्सा अचानक बेकाबू हो गया। गुस्से में उसने अपनी माँ का सिर पकड़कर कई बार दीवार पर दे मारा। इतना करने के बाद भी उसका हैवानियत भरा गुस्सा शांत नहीं हुआ। उसने इसके बाद केरोसिन तेल छिड़ककर अपनी माँ के शरीर को आग के हवाले कर दिया।

PunjabKesari

माँ को आग लगाने के बाद विष्णु घर से चिल्लाता हुआ बाहर आया। उसने आस-पड़ोस के लोगों को यह दिखाने की कोशिश की कि जैसे घर में कोई भयानक हादसा हो गया हो और आग अचानक लग गई हो। उसने ऐसा जताया जैसे वह खुद इस घटना से सदमे में हो। हालांकि, पुलिस ने जब इस मामले की तह तक जाकर बारीकी से जाँच शुरू की तो सारी सच्चाई धीरे-धीरे सामने आ गई। पुलिस को जल्द ही पता चल गया कि यह कोई दुर्घटना नहीं, बल्कि एक सोची-समझी और बर्बर हत्या है।

अदालत का कड़ा और ऐतिहासिक फैसला: उम्रकैद और जुर्माना

इस बेहद संवेदनशील और जघन्य अपराध की सुनवाई तिरुवनंतपुरम की छठी अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर. रेखा की अदालत में हुई। अदालत ने मामले के सभी सबूतों और गवाहों के बयानों को बहुत ध्यान से सुना और उनका विश्लेषण किया. प्रस्तुत किए गए ठोस सबूतों और गवाहों की विश्वसनीय गवाही के आधार पर कोर्ट ने विष्णु को अपनी माँ की हत्या का दोषी करार दिया।

अदालत ने विष्णु को उम्रकैद की कठोर सज़ा सुनाई है, जो उसके जीवन के अंतिम सांस तक जेल में रहने का प्रतीक है। इस सज़ा के साथ ही, उस पर 50,000 रुपये का भारी जुर्माना भी लगाया गया है। अदालत ने अपने फैसले में यह भी स्पष्ट रूप से कहा कि यदि दोषी विष्णु यह जुर्माना राशि अदा नहीं करता है, तो उसे अपनी उम्रकैद की सज़ा के अतिरिक्त छह महीने की और कैद भुगतनी पड़ेगी। यह फैसला ऐसे जघन्य अपराधों के खिलाफ समाज और कानून की सख्ती को दर्शाता है और एक कड़ा संदेश देता है कि अपराध करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Radhika

Related News