Plane Crash में अभी तक इन नेताओं की जा चुकी है जान, लिस्ट में स्वतंत्रता सेनानी भी शामिल
punjabkesari.in Thursday, Jun 12, 2025 - 04:33 PM (IST)

नेशनल डेस्क। गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार दोपहर एक भयानक विमान हादसा हो गया. अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई. इस भीषण हादसे के बाद जो शुरुआती जानकारी सामने आई है उसमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी सहित कई जाने-माने लोगों के विमान में सवार होने की रिपोर्ट है. विमान में कुल 230 यात्री, दो पायलट और 10 क्रू मेंबर्स शामिल थे.
हादसे का दिल दहला देने वाला वीडियो भी सामने आया है जिसमें विमान एक घनी रिहायशी इलाके में गिरता दिख रहा है. घरों की छत से टकराने के कुछ ही पल में आग का भीषण गोला उठता है और पूरा आसमान काले धुएं से भर जाता है, जिसने पूरे क्षेत्र में दहशत फैला दी है.
एअर इंडिया प्लेन क्रैश: पूरा विवरण
— Abhishek Anand (@TweetAbhishekA) June 12, 2025
🔴 हादसा:
अहमदाबाद एयरपोर्ट से टेक ऑफ के कुछ ही मिनट बाद एयर इंडिया का विमान क्रैश
हादसा मेघानीनगर इलाके के पास हुआ, जो एयरपोर्ट से लगभग 15 किमी दूर है
✈️ विमान का विवरण:
बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान, 11 साल पुराना
फ्लाइट संख्या: AI171
रूट:… pic.twitter.com/2cEavPjnqZ
भारत के इतिहास में विमान हादसों की दुखद गाथा: जब देश ने खोए बड़े नेता
यह पहली बार नहीं है जब भारत ने विमान हादसों में अपने बड़े-बड़े नेताओं और हस्तियों को खोया है. देश के इतिहास में कई ऐसी दुखद घटनाएँ दर्ज़ हैं जिन्होंने भारतीय राजनीति और समाज पर गहरा प्रभाव डाला है:
- सुभाष चंद्र बोस: आज़ादी से पहले के एक बड़े स्वतंत्रता सेनानी और दूरदर्शी नेता सुभाष चंद्र बोस भी एक विमान दुर्घटना में लापता हो गए थे जिनकी मौत का रहस्य आज भी अनसुलझा है.
- होमी जहांगीर भाभा: भारत के परमाणु कार्यक्रम के जनक और एक नामी वैज्ञानिक होमी जहांगीर भाभा का निधन भी एक विमान दुर्घटना में हुआ था.
- संजय गांधी (1980): पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के छोटे बेटे और कांग्रेस के युवा नेता संजय गांधी की मौत 23 जून 1980 को हुई जब उनका निजी विमान दिल्ली के सफदरजंग एयरपोर्ट के पास क्रैश हो गया. संजय विमान उड़ाने के शौकीन थे और उस समय एक नए विमान का परीक्षण कर रहे थे. इस हादसे में उनके साथ पायलट सक्सेना भी मारे गए थे. संजय की असामयिक मृत्यु ने कांग्रेस पार्टी और भारतीय राजनीति में एक बड़ा शून्य पैदा किया था क्योंकि उन्हें इंदिरा गांधी के संभावित उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा था.
- माधवराव सिंधिया (2001): कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया की मौत 30 सितंबर 2001 को हुई जब उनका निजी विमान उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में क्रैश हो गया. इस दुखद हादसे में सिंधिया समेत सात अन्य लोग भी मारे गए थे. ग्वालियर से लोकसभा सदस्य रहे सिंधिया की मौत ने कांग्रेस पार्टी को गहरा सदमा पहुँचाया था.
- जीएमसी बालयोगी (2002): तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के नेता और उस समय के लोकसभा स्पीकर जीएमसी बालयोगी का निधन 3 मार्च 2002 को हुआ जब उनका हेलिकॉप्टर आंध्र प्रदेश के काकीनाडा के पास क्रैश हो गया. इस हादसे में बालयोगी समेत पाँच अन्य लोग भी मारे गए थे. वे आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के करीबी सहयोगी थे.
- वायएस राजशेखर रेड्डी (2009): आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी की मौत 2 सितंबर 2009 को हुई जब उनका हेलिकॉप्टर रुद्राकोंडा पहाड़ियों में क्रैश हो गया. इस हादसे में रेड्डी समेत चार अन्य लोग मारे गए थे. रेड्डी आंध्र प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक थे और उनकी मौत ने राज्य की राजनीति में बड़ा उलटफेर किया था.
- मधु मुद्गल (2013): कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मधु मुद्गल की मौत 8 दिसंबर 2013 को हुई जब उनका हेलिकॉप्टर उत्तराखंड के देहरादून के पास क्रैश हो गया. इस हादसे में मुद्गल समेत पाँच अन्य लोग मारे गए थे. वे उत्तराखंड में कांग्रेस की मुख्यमंत्री पद की दावेदारों में से एक थीं.
- विपिन रावत (2021): भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल विपिन रावत का निधन 8 दिसंबर 2021 को एक MI-17 V5 हेलिकॉप्टर हादसे में हुआ था. उनका हेलीकॉप्टर तमिलनाडु के सुलूर से वेलिंगटन जा रहा था. इस क्रैश में जनरल रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य लोगों की भी मौत हो गई थी.
ये विमान और हेलिकॉप्टर हादसे न केवल भारतीय राजनीति को प्रभावित करते रहे हैं बल्कि इन घटनाओं ने देश की सुरक्षा और विमानन नीतियों पर भी गहन चर्चा को जन्म दिया है. विमान हादसों में नेताओं की मौत ने कई बार राजनीतिक शून्य पैदा किया और देश को बड़ी क्षति पहुँचाई.
अहमदाबाद में हुए इस ताज़ा विमान हादसे को लेकर राहत और बचाव कार्य ज़ोरों पर है. अधिकारी स्थिति पर लगातार नज़र बनाए हुए हैं और घटना के कारणों की विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है.