अलविदा भूपिंदर सिंह: ''करोगे याद तो हर बात याद आएगी''...गजल गायक के निधन पर शोक की लहर

punjabkesari.in Tuesday, Jul 19, 2022 - 08:48 AM (IST)

नेशनल डेस्क: दिग्गज गायक भूपिंदर सिंह का मुंबई के अस्पताल में निधन हो गया है। सिंह की पत्नी मैथिली सिंह ने इसकी जानकारी दी। भूपिंदर सिंह (82) ने कई सुपरहिट गानों में अपनी आवाज दी है। भूपिंदर की पत्नी मैथिली ने बताया कि उनका निधन सोमवार शाम को हुआ और अंतिम संस्कार मंगलवार को होगा। उन्हें पेट की बीमारी थी।'' क्रिटिकेयर एशिया अस्पताल के निदेशक डॉक्टर दीपक नामजोशी ने कहा कि भूपिंदर सिंह को दस दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

 

डॉक्टर दीपक ने बताया कि सिंगर को इंफेक्शन हो गया था। साथ ही वे कोरोना की भी चपेट में आ गए थे। सोमवार सुबह उनकी तबीयत काफी खराब हो गई थी जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। सोमवार शाम को उनको कार्डियक अरेस्ट हुआ और शाम 7:45 बजे उनका निधन हो गया।

 

हमेशा गानों में याद किए जाएंगे गजल गायक

भूपिंदर सिंह ने कई गाने गाए। उनके फेमस गानों में- दिल ढूंढता है, नाम गुम जाएगा, एक अकेला इस शहर में, बीते ना बिताई रैना, हुजूर इस कदर भी ना इतरा के चले, किसी नजर को तेरा इंतजार आज भी है,  बादलों से काट काट के , मेरी आवाज ही पहचान है, गर याद रहे... , 'मेरा रंग दे बसंती चोला', 'प्यार हमें किस मोड़ पर ले आया' जैसे गानों के लिए जाना जाता है।

 

पंजाब के अमृतसर से थे भूपिंदर सिंह 

अमृतसर में जन्मे भूपिंदर ने अपने पिता से संगीत सीखना शुरू किया। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत ऑल इंडिया रेडियो से की और दिल्ली दूरदर्शन केंद्र से भी जुड़े रहे। 1962 में संगीतकार मदन मोहन ने उन्हें एक पार्टी में गिटार बजाते हुए सुना और उन्हें मुंबई बुलाया। संगीतकार मदन मोहन ने उन्हें फिल्म हकीकत में मोहम्मद रफी, तलत महमूद और मन्ना डे के साथ "होके मजबूर" गाने की पेशकश की। संगीतकार खय्याम ने उन्हें आखिरी खत फिल्म में एक एकल गीत भी दिया था। वे धीरे-धीरे सफलता की सीढ़ी चढ़ने लगे। सिंह ने कई स्वतंत्र संगीत एल्बम भी जारी किए हैं।


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Content Writer

Seema Sharma

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