कला जगत में शोक की लहर: 'Statue of Unity' के मशहूर मूर्तिकार ने दुनिया को कहा अलविदा

punjabkesari.in Thursday, Dec 18, 2025 - 03:07 PM (IST)

नेशनल डेस्क। भारत के महानतम मूर्तिकारों में शुमार और पद्म भूषण से सम्मानित राम वंजी सुतार का बुधवार देर रात नोएडा स्थित उनके निवास पर निधन हो गया। वह 100 वर्ष के थे और उम्र से संबंधित बीमारियों से जूझ रहे थे। 17 दिसंबर की मध्यरात्रि उनके निधन के साथ ही भारतीय शिल्पकला के एक स्वर्णिम युग का अंत हो गया। राम सुतार केवल एक कलाकार नहीं थे बल्कि उन्होंने भारत के इतिहास और महापुरुषों को पत्थरों और कांसे (Bronze) में जीवंत कर दिया था।

साधारण गांव से 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' तक का सफर

राम सुतार का जन्म 19 फरवरी 1925 को महाराष्ट्र के धुले जिले के एक छोटे से गांव गोंदूर में हुआ था। बचपन से ही मिट्टी और औजारों से खेलने वाले राम सुतार की प्रतिभा ने उन्हें मुंबई के प्रसिद्ध जे जे स्कूल ऑफ आर्ट तक पहुंचाया जहां उन्होंने स्वर्ण पदक जीता।

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करियर की महत्वपूर्ण उपलब्धियां:

1959 तक उन्होंने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सलाहकार के रूप में काम किया लेकिन कला के प्रति समर्पण के कारण सरकारी नौकरी छोड़ दी। मध्य प्रदेश के गांधी सागर बांध पर स्थित 45 फीट ऊंची माता चंबल की प्रतिमा ने उन्हें रातों-रात मशहूर कर दिया। इस प्रतिमा को एक ही चट्टान को तराशकर बनाया गया था।

'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी': दुनिया की सबसे ऊंची पहचान

राम सुतार की सबसे बड़ी और गौरवशाली कृति गुजरात के केवडिया में स्थित 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' है। सरदार वल्लभभाई पटेल को समर्पित यह प्रतिमा 182 मीटर ऊंची (आधार सहित 240 मीटर) है। यह अमेरिका की 'स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी' से लगभग दोगुनी ऊंची है और आज दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का गौरव रखती है।

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महात्मा गांधी के आधिकारिक मूर्तिकार

दुनियाभर में महात्मा गांधी की जितनी भी प्रसिद्ध प्रतिमाएं हैं उनमें से अधिकांश राम सुतार के हाथों ही गढ़ी गई हैं:

  1. संसद भवन: संसद परिसर में ध्यानमग्न मुद्रा में बैठे बापू की प्रतिमा उनकी सबसे प्रसिद्ध कलाकृतियों में से एक है।

  2. वैश्विक पहचान: उनके द्वारा बनाए गए गांधी जी के 'बस्ट' (मुखाकृति) को भारत सरकार ने फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और इटली जैसे दर्जनों देशों को उपहार स्वरूप भेंट किया है।

सम्मान और पुरस्कार

कला के क्षेत्र में उनके अतुलनीय योगदान के लिए उन्हें कई बार सम्मानित किया गया:

  • 1999: पद्म श्री

  • 2016: पद्म भूषण

  • हाल ही में: महाराष्ट्र सरकार का सर्वोच्च 'महाराष्ट्र भूषण' पुरस्कार।

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एक विरासत जो सदा अमर रहेगी

राम सुतार ने अपने जीवन में 50 से अधिक भव्य स्मारक और सैकड़ों प्रतिमाएं बनाईं। संसद में लगी छत्रपति शिवाजी महाराज की घुड़सवार प्रतिमा हो या अयोध्या के लिए प्रस्तावित भगवान श्री राम की विशाल मूर्ति का मॉडल सुतार जी की कला ने भारतीय संस्कृति को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उनके बेटे अनिल सुतार जो खुद एक प्रसिद्ध मूर्तिकार हैं अब उनकी इस महान विरासत को आगे बढ़ाएंगे।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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