Axiom-4 मिशन का अंतिम चरण, आज धरती पर लौट सकते हैं शुभांशु शुक्ला

punjabkesari.in Thursday, Jul 10, 2025 - 04:36 AM (IST)

नेशनल डेस्कः अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 12 दिन व्यतीत करने के बाद, भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla) और उनकी Axiom‑4 (Ax‑4) टीम किसी भी समय 10 जुलाई 2025 के बाद पृथ्वी पर वापसी कर सकते हैं।

अंतरिक्ष खेती का अहम प्रयोग

  • ISS पर “स्पेस फार्मर” की भूमिका में, शुक्ला ने मूंग (ग्रीन ग्राम) और मेथी (फेनुग्रीक) के बीज पेट्री डिश में उगाए।

  • यह प्रयोग SPROUTS नामक है, जिसका उद्देश्य है यह पहचानना कि माइक्रोग्रेविटी में पौधों में कैसे विकास, पोषण तत्व और जर्मिनेशन (अंकुर) बदलते हैं।

  • मिशन की सफलता भविष्य में लंबे समय तक चलने वाली अंतरिक्ष यात्राओं के लिए भारत-खास खाद्य समाधान विकसित करने में मदद करेगी।

अन्य वैज्ञानिक प्रयोग

शुक्ला ने कई अन्य प्रयोग भी किए, जिनमें शामिल हैं:

विषय विवरण
माइक्रो-एल्गी (Micro-algae) भोजन, ऑक्सीजन, और बायोफ्यूल संभावनाओं की जांच 
मांसपेशी मरम्मत (Myogenesis) स्टेम सेल अध्ययन, मांसपेशियों पर गुरुत्व का प्रभाव, ज्यावों पर दीप्ति
टार्डिग्रेड अध्ययन वायरट्राइड्स—माइक्रोस्कोपिक जीवों—की अंतरिक्ष सहनशक्ति अनुसंधान
सूत्रों पर मानव व्यवहार स्क्रीन उपयोग के दौरान ध्यान, प्रतिक्रियाशीलता समझना
साइनोबैक्टीरिया प्रतियोगिताएँ Urea और Nitrate स्रोतों पर इनका विकास और उत्तरजीविता जांचना
सिनेट ग्लूकोज मॉनिटर (CGM) डायबिटीज पर सूक्ष्म निगरानी, भविष्य में इंसुलिन संरक्षित अंतरिक्ष यात्राओं हेतु अहम
साइनोबैक्टीरिया पर अध्ययन ISS पर Cyanobacteria यानी Photosynthetic Microorganisms पर विशेष प्रयोग

भारत और ISA का सहयोग

  • ये प्रयोग इसरो, DBT, IISc, KERALA Agricultural University, IIT Dharwad, UAS Dharwad, ICGEB, और InStem जैसी संस्थाओं के सहयोग से चल रहे हैं ।

  • इस मिशन से प्राप्त अनुभव ISRO के मानव मिशन ‘गगनयान’ के लिए भी अत्यंत मूल्यवान साबित होंगे।

मिशन दिनचर्या और संघर्ष

  • Axiom‑4 मिशन 25 जून को SpaceX Falcon‑9 से केनेडी स्पेस सेंटर से प्रक्षेपित हुआ और 26 जून को ISS से जुड़ा।

  • मिशन की अवधि 14–21 दिन की योजना के आधार पर चली और ISS पर लगभग 11–12 दिन गुजरे।

  • वापसी की कोई निश्चित तारीख नहीं, लेकिन 9–10 जुलाई के बाद वापसी की संभावना है, मौसम सही रहा तो आज ही वापसी हो सकती है ।

गौरव और भविष्य

  • शुक्ला भारत के लिए सम्मान हैं: वे ISS पर भेजे जाने वाले दूसरे भारतीय, और पहले निजी मिशन Axiom‑4 पर “Pilot” की भूमिका में गए दूसरे हैं ।

  • उनकी सफलता न केवल अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में, बल्कि भारत के वैश्विक स्तर पर बने अंतरिक्ष योगदान को भी मजबूत बनाएगी।


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Content Writer

Pardeep

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