ड्रैगन में सवार होंगे Shubhanshu Shukla, मिशन स्पेस की नई तारीख हुई घोषित

punjabkesari.in Tuesday, Jun 24, 2025 - 09:14 AM (IST)

नेशनल डेस्क। भारत के अंतरिक्ष अभियानों में एक ऐतिहासिक क्षण बेहद करीब है! भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला जल्द ही अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए उड़ान भरेंगे। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने घोषणा की है कि Axiom-4 मिशन अब 25 जून को प्रक्षेपित होगा। यह मिशन भारत के साथ-साथ हंगरी और पोलैंड के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह इन तीनों देशों के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी। भारत के लिए यह इसलिए भी खास है क्योंकि कई वर्षों के बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में कदम रखेगा।

फ्लोरिडा से होगा प्रक्षेपण, SpaceX के Falcon-9 रॉकेट का होगा इस्तेमाल

Axiom-4 मिशन का प्रक्षेपण फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से होगा। नासा के अनुसार यह मिशन 25 जून को भारतीय समयानुसार सुबह 12:01 बजे SpaceX के फाल्कन-9 रॉकेट के माध्यम से लॉन्च होगा। हालाँकि इस मिशन को पहले कई बार तकनीकी समस्याओं के कारण स्थगित करना पड़ा। मूल रूप से इसे 29 मई को लॉन्च करने की योजना थी लेकिन इसमें लगातार देरी होती गई।

शुभांशु शुक्ला पायलट की भूमिका में नासा की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री करेंगी नेतृत्व

इस मिशन में भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला पायलट की भूमिका में शामिल होंगे। उनके साथ हंगरी के तिबोर कापु और पोलैंड के स्लावोस उज्नांस्की-विस्नेव्स्की मिशन विशेषज्ञ के तौर पर हिस्सा लेंगे। इस महत्वपूर्ण मिशन का नेतृत्व नासा की सबसे अनुभवी अंतरिक्ष यात्रियों में से एक पैगी व्हिटसन करेंगी।

मिशन में देरी के मुख्य कारण

मिशन की तैयारियाँ पिछले महीने से चल रही थीं लेकिन तकनीकी खामियों के कारण इसे बार-बार टाला गया। 29 मई के बाद 8, 10 और 11 जून को लॉन्च की योजना थी लेकिन फाल्कन-9 रॉकेट में ईंधन रिसाव और आईएसएस के रूसी हिस्से में रिसाव जैसी समस्याओं के कारण मिशन स्थगित होता रहा। इसके बाद 19 और 22 जून को लॉन्च की योजना बनी, लेकिन नासा ने आईएसएस में सुधार कार्य और सिस्टम जांच के लिए मिशन को फिर से आगे बढ़ाया।

 

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मिशन की प्रमुख विशेषताएँ और भारत के लिए महत्व

Axiom-4 मिशन एक पूर्ण रूप से वाणिज्यिक मिशन है। अंतरिक्ष यात्री SpaceX के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में सवार होंगे और फाल्कन-9 रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष में जाएंगे। यह मिशन लगभग 14 दिनों का होगा जिसमें अंतरिक्ष यात्री आईएसएस पर विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोग और गतिविधियाँ करेंगे। नासा के अनुसार लॉन्च के करीब 16 घंटे बाद यानी 26 जून को शाम 4:30 बजे (भारतीय समयानुसार), ड्रैगन कैप्सूल आईएसएस से जुड़ेगा।

इस मिशन को लेकर भारत में विशेष उत्साह है क्योंकि शुभांशु शुक्ला की उड़ान के साथ भारत एक बार फिर अंतरिक्ष में अपनी मानव उपस्थिति दर्ज कराएगा। इससे पहले राकेश शर्मा ने भारतीय अंतरिक्ष यात्री के रूप में विश्व में ख्याति अर्जित की थी। हंगरी और पोलैंड के लिए भी यह 40 साल बाद पहला मानव अंतरिक्ष मिशन होगा जिससे यह तीनों देशों के लिए बेहद ऐतिहासिक है।

अंतरिक्ष यात्रा का नया द्वार

Axiom-4 मिशन भारत की बढ़ती अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं का प्रतीक है। यह मिशन न केवल भारत, बल्कि हंगरी और पोलैंड के अंतरिक्ष कार्यक्रमों को एक नई दिशा देगा। साथ ही यह अंतरिक्ष मिशनों में निजी कंपनियों की बढ़ती भूमिका को भी उजागर कर रहा है। यदि यह मिशन सफल होता है तो भविष्य में अन्य भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों के लिए अंतरिक्ष का रास्ता और आसान हो सकता है जिससे भारत वैश्विक अंतरिक्ष अन्वेषण में अपनी भूमिका को और मजबूत कर सकेगा।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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