तलाक के बदले बस मुंबई वाला घर और 12 करोड़, डिमांड सुनकर CJI भी हैरान हुए हैरान, बोले- ''पढ़ी-लिखी हैं, खुद...

punjabkesari.in Tuesday, Jul 22, 2025 - 06:16 PM (IST)

नेशनल डेस्क: सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को एक हाई-प्रोफाइल वैवाहिक विवाद मामले में गुजारा-भत्ते को लेकर दिलचस्प सुनवाई हुई। इस सुनवाई महिला द्वारा तलाक के बदले रखी गई डिमांड ने  CJI बी.आर. गवई को भी हैरान कर दिया। महिला ने कहा कि  अपने पति से तलाक के बदले मुंबई में एक घर और ₹12 करोड़ का गुजारा भत्ता चाहिए। इस पर CJI गवई ने उसे नसीहत देते हुए कहा कि चूंकि वह पढ़ी-लिखी है, इसलिए उसे पति के गुजारे-भत्ते के भरोसे नहीं रहना चाहिए। खास बात यह थी कि महिला अपने केस की पैरवी खुद कर रही थी।

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'18 महीने की शादी में ₹1 करोड़ प्रति माह?' CJI ने जताई हैरानी

सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने महिला से उसकी मांगों के बारे में पूछा। महिला ने सीधे शब्दों में कहा, "बस मुंबई वाला घर और ₹12 करोड़ रुपये का गुजारा भत्ता।" इस पर CJI गवई ने हैरान होते हुए कहा, "लेकिन वह घर कल्पतरु में है... अच्छे बिल्डरों में से एक। आप आईटी एक्सपर्ट हैं, आपने एमबीए किया है, आपकी यह डिमांड है! बेंगलुरु, हैदराबाद में कभी भी, आप नौकरी भी क्यों नहीं करते? आपकी शादी सिर्फ़ 18 महीने चली और अब आप एक बीएमडब्ल्यू भी चाहती हैं? 18 महीने की शादी और आप हर महीने एक करोड़ चाहते हैं।" महिला ने पलटवार करते हुए जवाब दिया, "लेकिन वो बहुत अमीर हैं. उसने मुझे सिज़ोफ्रेनिया का शिकार बताकर शादी रद्द करने की मांग की."

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CJI ने मांगे आयकर रिटर्न और दी महत्वपूर्ण सलाह

पति की ओर से वरिष्ठ वकील माधवी दीवान ने महिला की मांगों पर आपत्ति जताते हुए कहा, "उसे भी काम करना पड़ता है। हर चीज की मांग ऐसे नहीं की जा सकती।" महिला ने सवाल किया, "क्या मैं सिज़ोफ्रेनिया से पीड़ित दिखती हूं?" इस पर CJI गवई ने पति के वकील से आयकर रिटर्न दाखिल करने को कहा और महिला को भी समझाया, "आयकर रिटर्न दाखिल करें। लेकिन समझ लीजिए कि आप उसके पिता की संपत्ति पर भी दावा नहीं कर सकते।" लंच के बाद सुनवाई फिर से शुरू हुई और CJI गवई की बेंच ने पति का आयकर रिटर्न देखा।

'मुंबई में कमाया जा सकता है', पुरानी BMW पर भी हुई चर्चा

वरिष्ठ वकील दीवान ने कोर्ट को बताया, "कृपया पूरी कॉपी दें। 2015-16 में आय ज़्यादा है क्योंकि उस समय वो नौकरी करते थे। 2 करोड़ 50 लाख और 1 करोड़ का बोनस, प्रॉक्सी बिजनेस के भी आरोप हैं। चलिए इसे भी उदाहरण के तौर पर लेते हैं, वो बैलेंस शीट भी है. जिस फ्लैट में वह रह रही हैं, उसके अलावा दो कार पार्किंग भी हैं। वह उससे कमाई कर सकती है।"

इस पर मुख्य न्यायाधीश गवई ने सहमति जताई, "हां हां, मुंबई में सभी जगहों से पैसा कमाया जा सकता है।" दीवान ने आगे बताया, "जिस बीएमडब्ल्यू का वह सपना देख रही हैं, वह 10 साल पुरानी है और बहुत पहले ही बंद हो चुकी है।"

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'आपको खुद कमाकर खाना चाहिए': CJI का कड़ा संदेश

सुनवाई के अंत में CJI गवई ने महिला से कड़े शब्दों में कहा, "या तो आपको बिना किसी बोझ के फ्लैट मिलेगा या कुछ भी नहीं। जब आप उच्च शिक्षित हों और अपनी इच्छा से काम न करने का फैसला करें... या तो आप वो ₹4 करोड़ रुपये ले लें, पुणे/हैदराबाद/बेंगलुरु में कोई अच्छी नौकरी ढूंढ लें. आईटी केंद्रों में मांग है।"

इस पर याचिकाकर्ता महिला ने शिकायत की, "मेरी नौकरी भी इन्हीं ने छुड़वा दी। मुझ पर एफआईआर भी दर्ज करवाई।" मुख्य न्यायाधीश गवई ने इस पर कहा, "आप एफआईआर दे दीजिए, हम वो भी रद्द कर देंगे। हम निर्देश देंगे कि कोई भी पक्ष एक-दूसरे के खिलाफ कोई आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं करेगा।" पति की वकील ने बताया कि यह तो समझौते में ही शामिल है।

फैसला सुरक्षित रखते हुए CJI गवई ने महिला को अंतिम संदेश देते हुए कहा, "आपको खुद मांगना नहीं चाहिए बल्कि आपको खुद कमाकर खाना चाहिए।" यह टिप्पणी आत्मनिर्भरता के महत्व को रेखांकित करती है, खासकर शिक्षित व्यक्तियों के लिए।

 


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News Editor

Radhika

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