फेमस डॉयरेक्टर का हुआ निधन, इस गंभीर बीमारी ने ली जान, फिल्म इंडस्ट्री में पसरा मातम

punjabkesari.in Monday, Apr 28, 2025 - 07:59 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारतीय सिनेमा ने आज एक अनमोल सितारा खो दिया। मशहूर मलयालम फिल्म निर्माता और निर्देशक शाजी एन करुण का सोमवार 28 अप्रैल 2025 को निधन हो गया। 73 साल के शाजी एन करुण लंबे समय से गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे और आखिरकार तिरुवनंतपुरम के वझुथाकौड स्थित अपने घर में अंतिम सांस ली। उनके निधन से साउथ इंडस्ट्री से लेकर देशभर के फिल्मप्रेमियों के बीच गहरा शोक फैल गया है।

कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद अलविदा

शाजी एन करुण का जन्म 1 जनवरी 1952 को केरल के कोल्लम जिले में हुआ था। बीते कुछ समय से वे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित थे। इलाज के दौरान उन्हें तिरुवनंतपुरम के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। स्वास्थ्य में कोई सुधार न होता देख दो दिन पहले ही उन्हें घर ले आया गया था, जहां सोमवार को उनका निधन हो गया।
उनकी अंतिम यात्रा तिरुवनंतपुरम के थाइकौड स्थित संतिकावदोम में संपन्न होगी। उनके परिवार में पत्नी अनसूया देवकी वारियर और दो बेटे अप्पू और अनिल हैं।

सिनेमा को दिए कई यादगार रत्न

शाजी एन करुण का फिल्मी सफर बेहद शानदार रहा। उन्होंने 1988 में अपनी पहली फीचर फिल्म 'पिरवी' के जरिए ही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खूब सराहना बटोरी। 'पिरवी' को 1989 के प्रतिष्ठित कान फिल्म फेस्टिवल में कैमरा डी'ओर मेंशन डी'ऑनर पुरस्कार से नवाजा गया था।
इसके बाद उन्होंने 'स्वाहम' (1994) और मोहनलाल अभिनीत 'वानप्रस्थम' (1999) जैसी बेहतरीन फिल्में बनाई, जिन्हें दर्शकों ने आज भी अपने दिल में संजोकर रखा है। खासकर 'वानप्रस्थम' को कान्स फिल्म फेस्टिवल में भी प्रदर्शित किया गया था, जो किसी भी भारतीय फिल्म निर्माता के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जाती है।

पुरस्कारों की लंबी फेहरिस्त

शाजी एन करुण को उनके फिल्मी योगदान के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले।

  • 'पिरवी' के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार

  • सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (पिरवी, वानप्रस्थम, कुट्टी स्रन्क)

  • कई केरल राज्य फिल्म पुरस्कार भी उनके खाते में दर्ज हैं।
    हाल ही में उन्हें केरल सरकार द्वारा 2023 का जे सी डैनियल पुरस्कार भी प्रदान किया गया था, जो उनके जीवन भर के योगदान को सम्मानित करता है।

सिनेमा संस्कृति को भी दी नई दिशा

फिल्म निर्देशन के साथ-साथ शाजी एन करुण ने केरल की फिल्म संस्कृति को भी एक नया आयाम दिया। वह केरल राज्य चलचित्र अकादमी के संस्थापक अध्यक्ष रहे, जो भारत की पहली फिल्म और टेलीविजन अकादमी थी। इसके अलावा, वह 1998 से 2001 तक केरल अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFK) के कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे। उनके प्रयासों ने मलयालम सिनेमा को वैश्विक मंच पर नई पहचान दिलाई।

सोशल मीडिया पर उमड़ा शोक

शाजी एन करुण के निधन की खबर फैलते ही सोशल मीडिया पर शोक की लहर दौड़ गई। फिल्म जगत से जुड़े बड़े-बड़े नामों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके योगदान को याद किया। उनके प्रशंसक भी उन्हें भावभीने संदेशों के जरिए अंतिम विदाई दे रहे हैं।
उनका जाना साउथ सिनेमा के लिए अपूरणीय क्षति है जिसे भर पाना मुश्किल है।

शाजी एन करुण की यादगार फिल्में:

  • पिरवी (1988)

  • स्वाहम (1994)

  • वानप्रस्थम (1999)

  • कुट्टी स्रन्क (2009)
    ये फिल्में आज भी उनकी रचनात्मकता और संवेदनशील दृष्टिकोण का परिचायक हैं।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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