अनजान महिला को 'क्या तुम Married हो, तुम्हारा फिगर अच्छा है, तुम मुझे पसंद हो' जैसे मैसेज भेजना उसका अपमान करने के बराबर - Mumbai Court
punjabkesari.in Friday, Feb 21, 2025 - 02:57 PM (IST)
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नेशनल डेस्क। मुंबई सेशन कोर्ट ने एक व्यक्ति की सजा को बरकरार रखते हुए यह फैसला सुनाया कि किसी अनजान महिला को व्हाट्सएप पर अश्लील और अपमानजनक मैसेज भेजना उसका अपमान करने के बराबर है। आरोपी ने एक पूर्व पार्षद को आपत्तिजनक मैसेज भेजे थे जिसमें महिला के फिजिकल लुक और शादीशुदा स्थिति के बारे में गंदे सवाल किए गए थे।
क्या था पूरा मामला?
26 जनवरी 2016 को पीड़िता जो उस समय बोरीवली इलाके की पार्षद थी को एक अज्ञात नंबर से व्हाट्सएप पर कई आपत्तिजनक संदेश मिले। इनमें लिखा था, "क्या तुम सो रही हो? तुम स्मार्ट दिख रही हो, तुम बहुत गोरी हो, मुझे तुम पसंद हो, क्या तुम शादीशुदा हो?" इसके बाद जब पीड़िता ने उस नंबर पर कॉल करने की कोशिश की तो आरोपी ने कॉल रिसीव नहीं की और "सॉरी रात में कॉल स्वीकार नहीं की गई मुझे व्हाट्सएप चैटिंग पसंद है" जैसे संदेश भेजे। आरोपी ने और भी अश्लील तस्वीरें और संदेश भेजे।
कोर्ट का फैसला और तर्क
मुंबई की एडिशनल सेशन जज डीजी ढोबले ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि आरोपी का ऐसा व्यवहार महिलाओं की गरिमा का अपमान करने के बराबर है। जज ने अपने फैसले में कहा, "किसी महिला के साथ इस प्रकार के अश्लील संदेश भेजना आईपीसी की धारा 509 के तहत अपराध है।" इसके साथ ही अदालत ने यह भी माना कि ऐसे कृत्य सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 67 और 67ए के तहत दंडनीय अपराध हैं।
कोर्ट ने यह भी माना कि आरोपी और पीड़िता के बीच कोई व्यक्तिगत संबंध नहीं था और ऐसे अश्लील संदेश और तस्वीरें एक विवाहित महिला के लिए असहनीय हैं।
बचाव पक्ष की दलीलें
आरोपी के बचाव पक्ष ने यह दावा किया कि यह घटना नहीं हुई और यह मामला राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का हिस्सा है लेकिन कोर्ट ने इस दलील को खारिज कर दिया। जज ने कहा कि किसी महिला को झूठे मामले में फंसाकर अपनी गरिमा को दांव पर नहीं लगाना चाहिए।
वहीं आरोपी ने कहा कि उसने कोई मैसेज नहीं भेजे लेकिन जज ने कहा कि आरोपी को यह स्पष्ट करना था कि मैसेज उसके नंबर से कैसे भेजे गए। जज ने कहा, "कोई उचित स्पष्टीकरण देने में विफलता ने अदालत को प्रतिकूल निष्कर्ष पर पहुंचने का अवसर दिया।"
सजा और जुर्माना
कोर्ट ने आरोपी पर तीन महीने की साधारण कारावास और जुर्माना लगाया था जिसे अब बरकरार रखा गया है। मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ दायर अपील भी खारिज कर दी गई।
न्यायिक फैसले का महत्व
यह फैसला महिला सुरक्षा और सम्मान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है। अदालत ने यह स्पष्ट किया कि किसी भी महिला को अपमानजनक या अश्लील संदेश भेजने की अनुमति नहीं दी जाएगी और ऐसे कृत्य दंडनीय हैं। यह निर्णय महिलाओं के सम्मान की रक्षा के लिए कानूनी तंत्र को मजबूत करता है।