21 की उम्र में मिलेंगे 70 लाख रुपये, जानिए Post Office की इस जबरदस्त स्कीम की पूरी जानकारी

punjabkesari.in Thursday, Aug 07, 2025 - 12:43 PM (IST)

नेशनल डेस्क: हर माता-पिता का सपना होता है कि उनकी बेटी का भविष्य सुरक्षित और उज्ज्वल हो। खासतौर पर उसकी पढ़ाई और शादी जैसे बड़े खर्चों के समय किसी भी तरह की आर्थिक दिक्कत न आए। ऐसे में अगर आप एक भरोसेमंद और गारंटीड रिटर्न देने वाली निवेश योजना की तलाश में हैं, तो पोस्ट ऑफिस की सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकती है। यह योजना न सिर्फ एक सुरक्षित निवेश का माध्यम है, बल्कि इसमें मिलने वाला ब्याज और टैक्स छूट भी इसे और आकर्षक बनाता है।

क्या है सुकन्या समृद्धि योजना?

सुकन्या समृद्धि योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक विशेष बचत योजना है, जो विशेष रूप से बेटियों के उज्ज्वल भविष्य को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है। इस योजना के तहत माता-पिता या अभिभावक अपनी 10 वर्ष से कम उम्र की बेटी के नाम से अकाउंट खोल सकते हैं। इस खाते में हर साल न्यूनतम ₹250 और अधिकतम ₹1.5 लाख रुपये तक की राशि जमा की जा सकती है। इस पर सरकार की तरफ से हर तिमाही ब्याज दर तय की जाती है, और मौजूदा समय (2025) में यह दर 8.2% सालाना है — जो कि किसी भी दूसरी सुरक्षित योजना की तुलना में काफी अधिक है।

कैसे मिल सकते हैं 70 लाख रुपये?

अब सवाल यह है कि इस योजना से बेटी को 21 साल की उम्र में करीब 70 लाख रुपये कैसे मिल सकते हैं? मान लीजिए आपने अपनी बेटी के 5 साल की उम्र में उसका सुकन्या समृद्धि खाता खुलवाया और हर साल ₹1.5 लाख रुपये नियमित रूप से 15 साल तक जमा किए। इस तरह आपने कुल ₹22.5 लाख रुपये का निवेश किया। इस योजना में कंपाउंडिंग के साथ ब्याज मिलता है, जिससे आपकी जमा पूंजी बढ़ती रहती है। जब आपकी बेटी 21 साल की होती है, तब यह रकम बढ़कर करीब ₹69.27 लाख हो जाती है। इसमें से करीब ₹46.77 लाख रुपये सिर्फ ब्याज से मिलते हैं और सबसे अच्छी बात यह है कि यह ब्याज पूरी तरह टैक्स फ्री होता है।

निवेश की अवधि और निकासी के नियम

सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश की अवधि कुल 15 वर्षों की होती है, लेकिन खाता बेटी की उम्र 21 वर्ष होने तक एक्टिव बना रहता है। यानी आप 15 साल तक नियमित रूप से पैसा जमा करते हैं और उसके बाद भी खाता मैच्योरिटी तक ब्याज अर्जित करता रहता है। इस योजना की एक विशेष सुविधा यह भी है कि जब बेटी 18 साल की हो जाती है, तब खाते से आंशिक निकासी की अनुमति मिलती है, जो उसकी उच्च शिक्षा या अन्य आवश्यक जरूरतों के लिए उपयोग की जा सकती है। हालांकि खाता पूरी तरह से तब मैच्योर होता है जब बेटी की उम्र 21 वर्ष पूरी हो जाती है या फिर उसकी शादी 18 वर्ष की उम्र के बाद होती है। यह सुविधा योजना को लचीला बनाती है और माता-पिता को समय पर आर्थिक सहायता प्रदान करती है।

टैक्स बेनिफिट और सेफ्टी

सुकन्या समृद्धि योजना के तहत निवेशकों को टैक्स बचत का भी बड़ा लाभ मिलता है। इस योजना में किए गए निवेश पर आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत टैक्स छूट प्राप्त होती है। खास बात यह है कि न केवल जमा की गई राशि, बल्कि उस पर मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाली पूरी रकम भी पूरी तरह टैक्स फ्री होती है। इसी कारण यह योजना EEE कैटेगरी यानी Exempt-Exempt-Exempt के तहत आती है। इसके अलावा, यह एक सरकारी योजना है, इसलिए इसमें मिलने वाला रिटर्न पूरी तरह सुरक्षित होता है और निवेश पर किसी भी प्रकार का जोखिम नहीं रहता, जिससे यह योजना आम लोगों के लिए एक भरोसेमंद विकल्प बन जाती है।

कौन खोल सकता है सुकन्या समृद्धि खाता?

सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खाता केवल उन्हीं बेटियों के नाम पर खोला जा सकता है, जिनकी उम्र 10 साल से कम हो। यह नियम इसलिए बनाया गया है ताकि बचपन से ही उनके भविष्य के लिए धन संचय शुरू किया जा सके। एक परिवार अधिकतम दो बेटियों के नाम पर ऐसे खाते खोल सकता है, हालांकि कुछ विशेष परिस्थितियों में तीसरी बेटी के लिए भी खाता खोलने की अनुमति मिल सकती है, जैसे जुड़वां या ट्रिपल बच्चों का जन्म। यह खाता देशभर के किसी भी पोस्ट ऑफिस या सरकार द्वारा अधिकृत बैंक शाखाओं में आसानी से खोला जा सकता है, जिससे इसकी पहुंच आम लोगों तक सरलता से हो जाती है।

 

 



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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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