पाकिस्तान में SCO Summit पर आंतक का साया ! जयशंकर की यात्रा से पहले इस्लामाबाद छावनी में तबदील, गृहयुद्ध का खतरा बढ़ा
punjabkesari.in Monday, Oct 14, 2024 - 02:48 PM (IST)
इस्लामाबादः पाकिस्तान इन दिनों गंभीर आंतरिक अस्थिरता, आतंकवाद, और हिंसा की चपेट में है। ऐसे माहौल में 15 और 16 अक्टूबर को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का शिखर सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है, जिसमें भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर समेत कई सदस्य देशों के वरिष्ठ प्रतिनिधि हिस्सा लेने वाले हैं। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद को पूरी तरह से छावनी में तब्दील कर दिया गया है ताकि किसी भी अनहोनी से बचा जा सके। आतंकवादी खतरों, बलूचिस्तान में चल रही हिंसा, और इमरान खान समर्थकों द्वारा हाल ही में हुए विरोध प्रदर्शनों ने देश की सुरक्षा को और चुनौतीपूर्ण बना दिया है।
आतंकवाद और हिंसा का बढ़ा खतरा
पाकिस्तान पिछले कई वर्षों से आतंकवाद का शिकार रहा है, लेकिन हाल के हफ्तों में हिंसा की घटनाओं में काफी बढ़ोतरी हुई है। खासकर बलूचिस्तान और कराची जैसे इलाकों में आतंकी हमलों की संख्या में तेजी आई है। बलूचिस्तान में, बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) और पाकिस्तानी तालिबान जैसे संगठनों के हमलों में दर्जनों लोगों की जान जा चुकी है। कराची में हाल ही में हुए एक हमले में चीनी नागरिकों की हत्या कर दी गई, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की छवि को और नुकसान हुआ है। इसके अलावा, आतंकियों ने पुलिस और सेना के जवानों को भी निशाना बनाया है। पिछले हफ्ते, बलूचिस्तान में 20 बच्चों की हत्या और एक कोयले की खदान में हुए विस्फोट में सात कामगारों की मौत ने पूरे देश को झकझोर दिया है।
बलूचिस्तान में सुलग रह की आग
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में आजादी की मांग तेज हो रही है। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) इस अलगाववादी आंदोलन की अगुवाई कर रही है, और हाल की रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तानी तालिबान भी इसे अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन दे रहा है। हालांकि, दोनों संगठनों के बीच कोई सीधा गठजोड़ नहीं है, लेकिन उनकी गतिविधियां पाकिस्तान के लिए सुरक्षा चुनौती बन गई हैं। इन आतंकी संगठनों द्वारा देश के महत्वपूर्ण संस्थानों पर हमले करने की कोशिशें जारी हैं, जिससे सरकार पर दबाव बढ़ गया है।
इस्लामाबाद में कड़े सुरक्षा इंतजाम
एससीओ समिट को देखते हुए, इस्लामाबाद को पूरी तरह से छावनी में बदल दिया गया है। शहर के हर कोने पर सख्त सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। पूरे इस्लामाबाद में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है, और सुरक्षा बलों की अतिरिक्त तैनाती की गई है। किसी भी वाहन को बिना कड़ी जांच के शहर में प्रवेश की अनुमति नहीं है। पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि समिट के दौरान किसी भी आतंकी हमले या अप्रिय घटना को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए गए हैं।इस्लामाबाद के बड़े बाजार, होटल, कैफे, रेस्तरां और वेडिंग हॉल तीन दिनों के लिए बंद कर दिए गए हैं ताकि समिट के दौरान सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित न हो। सरकारी आदेश के तहत, समिट के दौरान इस्लामाबाद में 15 से 17 अक्टूबर तक सार्वजनिक अवकाश भी घोषित कर दिया गया है।
इमरान खान समर्थकों के विरोध से स्थिति और तनावपूर्ण
पाकिस्तान पहले ही गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। इमरान खान के समर्थकों द्वारा हाल ही में किए गए व्यापक विरोध प्रदर्शनों और शटडाउन से स्थिति और बिगड़ गई है। इस शटडाउन से देश की अर्थव्यवस्था को 684 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है। इमरान खान के समर्थकों ने सरकार के खिलाफ जमकर विरोध किया है, जिससे कई इलाकों में इंटरनेट सेवाएं भी बंद करनी पड़ी हैं। सरकार के लिए यह चुनौतीपूर्ण है कि इन आंतरिक संघर्षों के बीच एससीओ समिट का सफल आयोजन हो सके।
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की यात्रा
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर एससीओ समिट में भाग लेने के लिए पाकिस्तान जा रहे हैं, लेकिन भारतीय सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि यह एक बहुपक्षीय कार्यक्रम है और भारत और पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों पर किसी प्रकार की चर्चा नहीं की जाएगी। जयशंकर ने इस यात्रा को लेकर कहा कि वह एससीओ के एक जिम्मेदार सदस्य के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए पाकिस्तान जा रहे हैं। पाकिस्तान में उनकी इस यात्रा को लेकर भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल का पहुंचना
एससीओ समिट में कई देशों के प्रतिनिधिमंडल हिस्सा ले रहे हैं। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रूस का 76 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल पहले ही इस्लामाबाद पहुंच चुका है। इसके अलावा, चीन, किर्गिस्तान और अन्य एससीओ सदस्य देशों के प्रतिनिधि भी समिट में भाग लेने के लिए पाकिस्तान पहुंच गए हैं। समिट के दौरान सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है।