पाकिस्तान-अफगानिस्तान में फिर बढ़ा तनावः “दोस्ताना द्वार” बना युद्ध का मैदान, चमन बॉर्डर पर देर रात भारी गोलीबारी

punjabkesari.in Saturday, Dec 06, 2025 - 11:26 AM (IST)

International Desk: पाकिस्तानी और अफगान बलों के बीच चमन सीमा पर भारी गोलीबारी होने की सूचना मिली है। मीडिया द्वारा प्रसारित एक खबर में यह जानकारी दी गई है। ‘डॉन' समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार, जिला अस्पताल में घायलों को लाए जाने की सूचना मिली है लेकिन इस गोलीबारी में कोई मारा नहीं गया है। दोनों पक्षों के अधिकारियों ने एक-दूसरे पर शुक्रवार देर रात बलूचिस्तान प्रांत से लगी सीमा पर गोलीबारी का आरोप लगाया। पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा कि अफगान बलों ने बदानी इलाके में मोर्टार दागे थे जबकि अफगान तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने आरोप लगाया कि स्पिन बोल्दक पर हमला पाकिस्तान ने किया था।

 

🚨 Heavy firing has started between Pakistan and Afghanistan at the Chaman border, Taliban began targeting civilians, and Pakistan’s security forces are responding strongly.

Chief of Defence Forces pic.twitter.com/JhOOEDsBRI

— Wajiha Tamseel Mirza (@WajihaTamseel) December 5, 2025

उन्होंने दावा किया कि उनके बलों ने जवाबी कार्रवाई की। पाकिस्तान के आधिकारिक सूत्रों ने ‘डॉन' को बताया कि पाकिस्तानी बलों ने अफगान आक्रमण के जवाब में गोलीबारी की। चमन-कंधार राजमार्ग पर भी गोलीबारी की खबरें हैं लेकिन इनकी तत्काल पुष्टि नहीं हो सकी। क्वेटा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर पुष्टि की कि गोलीबारी रात करीब 10 बजे शुरू हुई और देर रात तक जारी रही। चमन जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि एक महिला समेत तीन घायलों को अस्पताल लाया गया है। पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा ‘इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस' या विदेश कार्यालय की ओर से इस बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

 

Pakistan and Afghanistan trade fire along the border but no casualties are reported pic.twitter.com/bqAHSo79mP

— Arif Sagmen (@sagmen_arif) December 6, 2025

चमन सीमा को ‘फ्रेंडशिप गेट' (मैत्री द्वार) के नाम से भी जाना जाता है। यह बलूचिस्तान प्रांत को अफगानिस्तान के कंधार से जोड़ती है। दोनों देश पिछले महीने तनाव के बाद युद्धविराम समझौते पर सहमत हुए थे लेकिन पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने पिछले महीने कहा था कि तकनीकी रूप से कोई युद्धविराम समझौता लागू नहीं है क्योंकि यह अफगान तालिबान द्वारा पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों को रोकने पर निर्भर करता है और वह ऐसा करने में असफल रहा है।  


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Content Writer

Tanuja

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