वर्षों बाद घाटी में फिर सक्रिए हुए सैटलाइट फोन

punjabkesari.in Thursday, Jul 12, 2018 - 06:56 PM (IST)

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ दिनों में आतंकी सक्रियता में काफी इजाफा देखने को मिला है। यही नहीं इस बीच कुछ ऐसे सैटलाइट फोन दोबारा सक्रिय हो गए हैं, जो काफी समय से बंद पड़े थे। बताया जा रहा है कि ये फोन घाटी में सक्रिय आतंकियों से किसी न किसी रूप में जुड़े हैं। इन पुराने फोन नंबरों के दोबारा सक्रिय होने के बाद घाटी में किसी बड़े हमले की आशंका जताई जा रही है। फिलहाल सुरक्षा एजेंसियों ने इन फोन नंबरों पर अतिरिक्त निगरानी शुरू कर दी है। घाटी में हाल ही में कुछ ऐसे सैटलाइट फोन एक बार फिर से सक्रिय हुए हैं, जो लंबे समय से अस्तित्व में नहीं थे। यानी या तो ये फोन नबर बंद थे या फिर काफी समय से इनके जरिए बातचीत नहीं हो रही थी। ऐसे में इस कदम को घाटी में आतंकियों की बढ़ी सक्रियता के रूप में देखा जा रहा है। 

 


बता दें कि हाल ही में खुफिया रिपोर्ट में भी यह बात सामने आई है कि बड़ी संख्या में आतंकी सीमा पार से घुसपैठ कर घाटी में आए हैं और किसी बड़े हमले के फिराक में जुटे हैं। पिछले दिनों में घाटी के कई इलाकों में ऐसे आतंकवादियों को देखा भी गया है। बुधवार को ही कुपवाड़ा में ऐसे आतंकियों को देखे जाने के बाद सेना ने अभियान शुरू किया था। गुरुवार को सेना ने एक आतंकी को ढेर भी किया है। त्रेहगाम और कश्मीर के पाट्टन इलाके में भी आतंकियों को देखा गया है। 

हमले की फिराक में आतंकी
आतंकी संगठन लश्कर-ए-तोयबा से जुड़ा आतंकी अबु इस्लाम घाटी में हमले के लिए नए ठिकाने की तलाश में है। बता दें कि पिछले कुछ दिनों में घाटी में बड़ी संख्या में आतंकियों की भर्ती की रिपोर्ट भी सामने आई है, इसने भी एजेंसियों की चिंताएं बढ़ाई हैं। बता दें कि कुछ दिन पहले ही हिज्बुल मुजाहिदीन ने भारतीय पुलिस सेवा (आई.पी.एस.) के एक अधिकारी के भाई की एक तस्वीर जारी करते हुए दावा किया था वह इस आतंकी संगठन में शामिल हो गया है। फोटो में आईपीएस का भाई शमसुल हक मेंगनू तस्वीर में एके-47 राइफल लिए दिखता है। मेंगनू यूनानी चिकित्सा की पढ़ाई कर रहा था। 
 


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Monika Jamwal

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