रूपाणी ‘मिथक’ तोड़ लेंगे CM पद की शपथ, मोदी और शाह भी होंगे मौजूद

punjabkesari.in Monday, Dec 25, 2017 - 03:51 PM (IST)

गांधीनगर: गुजरात में लगातार छठी बार चुनाव जीतने वाली भाजपा की नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह कल सचिवालय मैदान में होगा जिसमें लंबे समय के बाद मुख्यमंत्री विजय रूपाणी अपने ही दल के एक कथित मिथक को तोड़ते हुए शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के अलावा बड़ी संख्या में केंद्रीय मंत्री और भाजपा शासित 18 राज्यों के मुख्यमंत्री/उपमुख्यमंत्री अथवा वरिष्ठ मंत्री तथा गण्यमान्य लोग उपस्थित रहेंगे। 

उपमुख्यमंत्री नीतिन पटेल भी लेंगे शपथ
रूपाणी के साथ उपमुख्यमंत्री नीतिन पटेल भी शपथ लेंगे। उनके अलावा छह से अधिक कैबिनेट स्तर के तथा 12 से 14 राज्य मंत्रियों के भी शपथ लेने की संभावना है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष जीतू वाघाणी को भी इस बार कैबिनेट मंत्री बनाये जाने की संभावना है। राज्य में चार बार मुख्यमंत्री रहे मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समय से ही शपथ ग्रहण के लिए प्रयुक्त वाले कथित विजय मुहूर्त यानी दोपहर 12 बज कर 39 मिनट के मिथक को इस बार तोड़ते हुए रूपाणी शपथ लेंगे। लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बन रहे रूपाणी ने पिछले साल सात अगस्त को पहली बार शपथ कथित विजय मुहूर्त में लिया था। उससे पहले आनंदीबेन पटेल का भी शपथ ग्रहण उसी समय पर हुआ था।  

समारोह में संत भी रहेंगे उपस्थित 
इस बीच रूपाणी की ही पिछली सरकार में राज्य मंत्री रहे प्रदीप सिंह जाडेजा, राजेन्द्र त्रिवेदी समेत कुछ अन्य मंत्रियों की कैबिनेट स्तर पर प्रोन्नति तय मानी जा रही है। पिछली बार शिक्षा मंत्री रहे भूपेन्द्र चूडासमा को विधानसभा अध्यक्ष बनाये जाने की अटकले हैं। इस बार चुनाव में विधानसभा अध्यक्ष रमन वोरा के अलावा छह मंत्रियों की पराजय के चलते आधा दर्जन से अधिक नये चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल होंगे। इनमें भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की सीट नाराणपुरा से जीते कौशिक पटेल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष आर सी फलदू के नाम अग्रणी बताये जा रहे हैं। समारोह में दस हजार से अधिक लोग शिरकत करेंगे। इस दौरान बड़ी संख्या में संत भी उपस्थित रहेंगे। 

विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली जीत
ज्ञातव्य है कि गुजरात में 1995 से सत्तारूढ़ भाजपा ने गत 9 और 14 जनवरी को दो चरणों में हुए विधानसभा चुनाव में 182 में से 99 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसकी सीटों की संख्या पिछली बार के 115 से 16 कम हो गई थी। पार्टी के पास बहुमत के लिए जरूरी 92 से अधिक सीटें होने के बावजूद एक निर्दलीय ने भी इसे इस बार समर्थन दिया है। मुख्य विपक्षी कांग्रेस की सीटें पिछली बार के 61 से बढ़ कर 77 हो गई हैं। इसके अलावा उसे चार अन्य का समर्थन भी हासिल है।


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