New Political Party: 100 साथी और ₹10,000 फीस - बस इतनी सी बात? जानिए कैसे बनती है नई पॉलिटिकल पार्टी

punjabkesari.in Friday, Sep 26, 2025 - 02:45 PM (IST)

नेशनल डेस्क: लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और आरजेडी के पूर्व नेता तेज प्रताप यादव ने बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने बिहार की राजनीति में अपना नया दल लॉन्च कर दिया है, जिसका नाम ‘जनशक्ति जनता दल’ रखा गया है। तेज प्रताप ने इसका चुनावी प्रतीक ब्लैक बोर्ड घोषित किया और इसका पोस्टर सोशल मीडिया पर शेयर कर चुनावी जंग में उतरने का ऐलान कर दिया। इससे प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है।

नई पार्टी बनाने की कानूनी प्रक्रिया

भारत में नई राजनीतिक पार्टी बनाने के लिए चुनाव आयोग की अनुमति अनिवार्य होती है। नियमों के अनुसार, पार्टी गठन की तारीख से 30 दिन के भीतर आवेदन चुनाव आयोग को भेजना जरूरी है।

इस आवेदन के साथ –

  • 10,000 रुपये का डिमांड ड्राफ्ट रजिस्ट्रेशन फीस के रूप में जमा करना होता है। (2014 से पहले यह 5,000 रुपये था)

  • पार्टी का संविधान, मुख्यालय का पता और पदाधिकारियों की पूरी सूची देनी पड़ती है।

  • कम से कम 100 प्राथमिक सदस्य जरूरी हैं, जिनके नाम, पते और शपथपत्र भी संलग्न करने होते हैं।

पारदर्शिता और अखबारों में सूचना

चुनाव आयोग यह भी अनिवार्य करता है कि पार्टी अपने आवेदन की सूचना दो राष्ट्रीय और दो स्थानीय अखबारों में प्रकाशित करे। इसका मकसद है कि जनता या अन्य दल आपत्ति जता सकें। अगर कोई आपत्ति नहीं आती या आयोग उन्हें निराधार मान लेता है, तो नई पार्टी को रजिस्ट्रेशन मिल जाता है।

खर्चा कितना आता है?

सिर्फ 10,000 रुपये फीस ही नहीं, बल्कि बाकी कामों में भी खर्च होता है।

  • दस्तावेजों की नोटरी

  • शपथपत्र

  • अखबारों में नोटिस

  • कानूनी सलाह

इन सब पर खर्च कुछ हजार से लेकर कई लाख रुपये तक जा सकता है, जो पार्टी की तैयारी और पैमाने पर निर्भर करता है।

मान्यता की जंग बाकी

यहां ध्यान देना होगा कि पार्टी का रजिस्ट्रेशन और मान्यता दो अलग बातें हैं। रजिस्ट्रेशन से चुनाव लड़ने का अधिकार मिलता है, लेकिन राज्य या राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता तभी मिलती है जब –

  • विधानसभा चुनाव में कम से कम 6% वोट हासिल हों, या

  • एक निश्चित संख्या में सीटें जीत ली जाएं।

अब नजरें तेज प्रताप पर

तेज प्रताप यादव के इस कदम ने न सिर्फ आरजेडी बल्कि पूरे बिहार के सियासी समीकरण बदल दिए हैं। सवाल यह है कि क्या यह पार्टी युवाओं और नई सोच को जोड़ पाएगी या यह लालू परिवार में नई दरार की शुरुआत है।

 


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Content Writer

Anu Malhotra

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