ट्रंप ने गंभीर आरोपों से हिलेरी को घेरा

punjabkesari.in Wednesday, Jun 22, 2016 - 05:16 PM (IST)

अमरीका के राष्ट्रपति के चुनाव के चर्चित उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप अपने बयानों और घोषणाओं के कारण चर्चा में बने रहते हैं। वे इस चुनाव को जीतने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते हैं और न ही अपनी एकमात्र प्रतिद्वंद्वी हिलेरी क्लिंटन को अपने से मजबूत देखना चाहते हैं। अब उन्होंने हिलेरी पर एक और गंभीर आरोप जड़ दिया है। इस बारे में पोलिटीको डॉट कॉम के साभार से महत्वपूर्ण जानकारी मिली है।

वे कहते हैं कि हिलेरी ने चुनाव अभियान के लिए जो धन जमा किया है वह जबरन लिया गया है। वह खून से सना हुआ है, अर्थात सुपारी है। ट्रंप दावा करते हैं कि राष्ट्रपति पद को सुरक्षित रखने के लिए वे उनकी तुलना में मजबूत आर्थिक स्थिति में है। सीबीसी को दिए इंटरव्यू में उन्होंने पूर्व विदेश सचिव हिेलेरी क्लिंटन की जमकर आलोचना की।

ट्रंप ने कहा कि हिलेरी के पास बैंक में 42 मिलियन डॉलर हैं, इनसे आप एक बेहतर चुनाव अभियान कैसे चला सकते हैं। जब उनसे पूछा गया कि दोनों उम्मीदवारों के चंदा एकत्रित करने के अभियान में क्या अंतर है ? इस पर वह आरोप लगाते हैं कि क्लिंटन ने बहुत कम समय में इस धनराशि को इकट्ठा किया है। वह जानते हैं कि यह सारा पैसा एक ही दिन में उनके खाते में कैसे जमा हो गया।

मैनहट्टन के यह अरबपति अपने अभियान और वित्त रणनीति की हिफाजत करते हैं जबकि इसके लिए उन्होंने बेहतर तरीके से प्रयास किए ही नहीं गए। ट्रंप बार-बार निशाना साधते हैं कि जब हिलेरी धन बटोरने के लिए गईं तब उन्होंने इसके अलावा कोई और बात ही नहीं की। वह सौदेबाजी में ही व्यस्त रहीं। ट्रंप अपनी प्रशंसा स्वयं करते हैं कि क्या वह इस काम के लिए एंबेसेडर बन सकते हैं। फिर दावा करते हैं कि यह काम बखूबी से कर सकते हैं।

ट्रंप बताते हैं कि उनका व्यवसाय पैसे के मामलों की देखभाल करता है जबकि हिलेरी तो ब्लड मनी यानि सुपारी लिया करती हेैं। हिलेरी ने वॉल स्ट्रीट से जबरदस्त पैसा बटोरा है। ट्रंप उनकी विदेश नीति से भी असंतुष्ट है। वे कहते हैं कि बराक ओबामा के साथ काम करते हुए हिलेरी कुछ खास नहीं का पाई। चीन ने अमरीका के साथ क्या किया ? ये दोनों देश के साथ लूट खसोट ही करते रहे हैं। देश के व्यापार में भारी घाटा हुआ। विश्वास नहीं होता कि वे हमारे देश का हिस्सा थे और उनमें से एक सेक्रेटरी आॅफ स्टेट थीं।

चुनाव अभियान के लिए चंदा जमा करने की स्थिति रिपब्लिकन पार्टी की खस्ता रही है। पार्टी के कुछ बुरा हुआ ही है, पर इतना भी नहीं। धन इकट्ठा करने के लिए जो ताजे आंकड़े ट्रंप ने पेश किए वे चौंकाने वाले हैं। रिपब्लिक कार्यकर्ताओं के सिा घूम गए हैं। वे बार-बार आंखें मलते हुए आंकड़ों को  देखकर निश्चित हो रहे थे कि जिन्हें वे देख रहे हैं, वे सही हैं। रिपब्लिकन पार्टी के इस संभावित उम्मीदवार ने कई बार अपनी संपत्ति की शेखी मारी थी। एक दिन में उनके हाथ में 1.3 मिलियन डॉलर आए थे जबकि हिलेरी के खाते में 42.2 मिलियन डॉलर। उन्हीं में एक कार्यकर्ता ने कहा कि यह राशि सीनेट का चुनाव लड़ने के लिए बहुत कम है। राष्ट्रपति पद के लिए तो उससे भी कम।

इतने कम पैसा जमा होने पर ट्रंप ने ही इसका मजाक उड़ाया, जोकि शुभ संकेत नहीं है। उन्होंने इस समस्या का उपाय भी खोज निकाला और धन एकत्रित करने के लिए पहला ई-मेल जारी कर दिया। इसका विषय था —- द फसर्ट वन। रिपब्लिक बहुत चिंतित थे कि पैसे के मामले में बहुत विलंब हो सकता था। ट्रंप यहां भी बाज नहीं आए और उन्होंने हिलेरी पर आरोप लगाया कि उसने स्टेट डिपार्टमेंट का पैसा अपने पति बिल क्लिंटन को सौंप दिया है। 

रिपब्लिकन्स को उम्मीद थी कि चुनाव के लिए धन की व्यवस्था के लिए पूरी टीम एक साथ काम करेगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। चंदा देने वालों को प्रेरित ही नहीं किया गया। खास बात यह रही कि संभावनाएं यह बन रही थी कि कहीं डोनाल्ड ट्रंप जमा की गई राशि को अपने अभियान के लिए खर्च हुए लोन को चुकाने में ही न लगा दें। प्राइमरी चुनाव के दौरान ट्रंप धन एकत्रित करने में असफल ही रहे। 

जेब बुश, मिट रोमनी आदि के लिए काम कर चुके समर्थकों ने आलोचना की कि ट्रंप ने इस दिशा में गंभीरता से प्रयास ही नहीं किए। अपने बचाव में ट्रंप ने यह जरूर कहा कि जब भी जरुरत होती है वह अपनी जेब से ही आवश्यक खर्च करते रहे हैं। इस पर कभी गौर नहीं किया कि वह कितना पैसा खर्च कर रहे हैं। कुल मिलाकर हिलेरी की आलोचना करते-करते इस मामले में वह खुद फंस गए।

 

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