रईसों के पास 5 आशियाने, बहुतों को नसीब नहीं होती छत

punjabkesari.in Sunday, Jan 22, 2017 - 03:26 PM (IST)

नई दिल्ली: इंटरनेट की बेहतर पहुंच और निजी जेट से मिली सुविधा का भरपूर फायदा उठाते हुए दुनिया भर धनकुबेरों ने अलग-अलग महाद्वीपों पर अपने कई-कई आशियाने बना रखे हैं जबकि दूसरी तरफ एक बड़ी आबादी सिर पर एक अदद छत से भी महरूम हैं। शोध फर्म वेल्थ-एक्स की रिपोर्ट के मुताबिक प्राइवेट जेट के बढ़ते इस्तेमाल तथा किसी भी समुद्री तट या स्की लॉज तक तेज गति की इंटरनेट पहुंच से वहां से काम करने में आई आसानी ने अब अमीरों के लिए पूरी दुनिया के दरवाजे खोल दिए हैं, जहां वे अलग-अलग महाद्वीपों पर अपने कई आशियाने बना सकते हैं।

शहर या देश नहीं महाद्वीपों पर घर
शोध से पता चलता है कि तीन करोड़ डॉलर से अधिक की संपत्ति पर काबिज दुनिया भर के कुल 2,12,625 अमीरों में से 10 फीसदी से अधिक के पास उनके मुख्य घर के अलावा कम से पांच और आशियाने हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि ये सभी घर किसी एक शहर या देश में नहीं बल्कि अलग-अलग महाद्वीपों पर हैं। प्राइवेट जेट के बढ़ते बाजार ने अब अमीरों के लिए सफर को आसान बना दिया है। विकासशील अर्थव्यवस्था और कारोबार के वैश्वीकरण ने प्राइवेट जेट के बाजार को बढ़ा दिया है और इसके साथ ही दूसरे घर की मांग की बढ़ गई है। दरअसल कारोबार के सिलसिले में अक्सर ऐसे लोगों को दूसरी जगह रहना पड़ता है ऐसे में पारिवारिक जिम्मेदारियों के निर्वहन और बच्चों की शैक्षणिक जरूरतों की पूर्ति के लिए दूसरे घर की जरूरत पड़ती है। शोधकर्त्ताओं का कहना है कि अब अकूत संपत्ति के मालिकों के बीच ‘वैश्विक नागरिक‘ होने का प्रचलन चल गया है। ऐसे अधिकतर अमीर खुद को जितना अपने देश का नागरिक मानते हैं, उतना ही विश्व का नागरिक मानते हैं।

एक नहीं 5-5 घर हैं धनकुबेरों के पास
 वेल्थ -एक्स का कहना है कि 21,000 से अधिक धन कुबेरों के पास पांच से अधिक घर होंगे क्योंकि उसने यह रिपोर्ट तैयार करने के लिए सिर्फ सार्वजनिक रूप ये उपलब्ध आंकड़ों का सहारा लिया है लेकिन इसमें ट्रस्ट के जरिये, विदेशी कंपनियों के जरिए या पत्नी तथा रिश्तेदारों के नाम पर लिए गए घरों का आंकड़ा नहीं है। अभी कुछ दिन पहले ही परोपकारी संगठनों के वैश्विक परिसंघ ऑक्सफैम की रिपोर्ट आई थी कि दुनियाभर के मात्र आठ धनकुबेरों के पास दुनिया की आधी आबादी से ज्यादा दौलत है। संगठन का कहना था कि दुनिया के आठ सबसे अमीर लोगों के पास कुल 426 अरब डॉलर (करीब 29,032 अरब रुपए) हैं जबकि दुनिया की आधी आबादी यानी करीब तीन अरब 60 करोड़ लोगों की कुल संपत्ति 409 अरब डॉलर (लगभग 27,873 अरब रुपए) है।

कईयों के सिर पर नहीं छत
ऑक्सफैम का कहना है कि खास तबके के पास घरों की बढ़ती संख्या भी वैश्विक असमानता की द्योतक है। संगठन की असमानता नीति सलाहकार शियारा मारिओति के मुताबिक धनाड़्य लोगों के एक समूह के पास कई-कई संपत्तियां हैं लेकिन करोड़ों लोग ऐसे हैं, जिनके सिर पर कोई छह नहीं है। उनका कहना है कि अर्थव्यवस्था को संतुलित करने की जरूरत है ताकि ये सबके हित में काम करे , खासकर गरीबों के हित में।

घर खरीदने के लिए हांगकांग सबसे पंसदीदा जगह
अमीरों के बीच दूसरे घर के रुप में दूसरे स्थान पर सबसे अधिक लोकप्रिय जगह है-हांगकांग। हांगकांग चीन नजदीक है , जिसकी वजह से यह पसंदीदा बन गया है। सेलीब्रिटिज के बीच लॉस एंजिल्स लोकप्रिय है। न्यूयार्क तथा सिंगापुर भी काफी अमीरों को पसंद हैं। निजी और कारोबारी सुरक्षा, संस्कृति, शिक्षा और खरीदारी के कारण धनाड्यों की पहली पसंद लंदन है, जहां वे अपना दूसरा आशियाना बनाते हैं। हालांकि, यहां दूसरे घर पर लगातार स्टाम्प शुल्क बढ़ रहा है फिर भी अमीरों के लिए यहां घर होना लाइफ स्टाइल के लिए जरूरी हो गया है। लंदन में 6400 से अधिक धनकुबेर रहते हैं। इससे अधिक न्यूयार्क में 8,375 अमीर रहते हैं लेकिन लंदन में रहने वाले 37 प्रतिशत धनकुबेर ब्रिटिश नहीं हैं।


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