रिसर्च स्टूडेंट के लिए प्रशासन ने लिया यह अहम फैसला...

punjabkesari.in Monday, Dec 12, 2016 - 08:01 AM (IST)

चंडीगढ़(विजय) : हर साल दुनियाभर के स्कॉलर्स और स्टूडैंट्स रिसर्च के मकसद से चंडीगढ़ आते हैं, लेकिन जरूरत के अनुसार रिसर्च सैंटर और शहर में जगह न मिलने के कारण स्टूडैंट्स इतना समय चंडीगढ़ में नहीं गुजार पाते। यही वजह है कि चंडीगढ़ प्रशासन ने सैक्टर-19 स्थित ली-कार्बूजिए सैंटर में रिसर्च सैंटर खोलने का फैसला लिया है। जिसकी मदद से स्कॉलर्स के ग्रुप और स्टूडैंट्स को रिसर्च करने की एक अहम जगह मिल सकेगी। 

 

यहां एजुकेशनल इंस्टीच्यूट्स भी रिसर्च कर सकेंगे। केवल रिसर्च ही नहीं, बल्कि ली-कार्बूजिए सैंटर में रखे गए शहर के इतिहास के बारे में भी विदेशी टूरिस्ट को आसानी से सभी प्रकार की जानकारियां उपलब्ध करवाई जा सकेंगी। दरअसल ली-कार्बूजिए सैंटर में शहर की शुरूआत से लेकर अभी तक के सभी डॉक्यूमैंट्स रखे गए हैं। कोई भी टूरिस्ट किसी रिसर्च के मकसद से अगर चंडीगढ़ आता है तो उसे एक ही जगह ये सभी जानकारियां मुहैया करवाने के लिए प्रशासन ने यहां रिसर्च सैंटर खोलने की प्लानिंग की है। 

 

लाईब्रेरी और वाई-फाई की भी सुविधा :
जो प्लान प्रशासन द्वारा तैयार किया जा रहा है उसमें इस सैंटर में लाईब्रेरी और वाई-फाई की सुविधा देने की भी योजना है। यह सब होगा सैंटर के विस्तार के तहत। प्रोपोज्ड किए गए रिसर्च सैंटर में सैमीनार हॉल की भी सुविधा होगी। खास बात यह है कि विभिन्न क्षेत्रों से संबंध रखने वाले लोग अब एक ही जगह पर अपने अनुभव सांझा कर पाएंगे। यहां पर अब न केवल वर्कशॉप लगाई जा सकेंगी बल्कि सैमीनार और कांफ्रेंस की भी सुविधांए मिल सकेंगी। 

 

यहीं से हुई थी चंडीगढ़ की प्लानिंग :
यह वहीं सैंटर है, जहां से चंडीगढ़ की पूरी प्लानिंग की गई थी। इसे पहले ओल्ड आर्किटैक्ट्स ऑफिस भी कहा जाता था। यहां पर ली-कार्बूजिए और उनकी टीम शहर की डिवैल्पमैंट की प्लानिंग करती थी, लेकिन कई सालों तक इस सैंटर को प्रशासन ने सुविधाओं से महरूम रखा। अब जबकि कैपिटल काम्प्लैक्स को हैरिटेज स्टेटस मिलने के बाद शहर में विदेशी टूरिस्ट और स्कॉल्र्स की संख्या बढऩे लगी है तो यहां रिसर्च सैंटर खोलने की भी तैयारी कर ली गई है। 


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