अब अमेजन-फ्लिपकार्ट की खैर नहीं, सरकार ने सख्त कदम उठाने का लिया फैसला

punjabkesari.in Thursday, May 16, 2024 - 03:46 PM (IST)

नई दिल्ली। आज के समय में ऑनलाइन शॉपिंग करना हर कोई पसंद करना चाहता है। कस्टमर्स को भी चीज ऑर्डर करने से पहले उसका रिव्यू देखते हैं। अगर रिव्यू अच्छा दिखा तो फिर कस्टमर्स उसे खरीदने में संकोच नहीं करता है। हालांकि, ऐसा भी हो सकता है कि जो रिव्यू आप देख रहे हैं वो फेक भी हो सकता है। क्योंकि कंपनी का अपनी ही एप या वेबसाइट पर कंट्रोल होता है। ऐसे में अब केंद्र सरकार ने अमेजन-फ्लिपकार्ट और मिंत्रा जैसी तमाम ई-कॉमर्स कंपनियों पर सख्त कदम उठाने का फैसला लिया है। दरअसल, इन कंपनियों को अपनी वेबसाइट या पोर्टल से फेक प्रोडक्ट रिव्यू को हटाना पड़ेगा। 

PunjabKesariहटेगा रिव्यू को एडिट करने का ऑप्शन

दरअसल, लाइवमिंट की खबर के अनुसार, सरकार ने कस्टमर्स की तरफ से फाइनेंशियल लॉस और मानसिक प्रताड़ना की शिकायत मिलने के बाद अब सख्त कदम उठाने का फैसला कर लिया है। खबर के मुताबिक, इन ई-कॉमर्स कंपनियो या मार्केटप्लेस को आने वाले समय में कस्टमर्स के रिव्यू को एडिट करने का भी ऑप्शन नहीं मिलेगा। कंपनियों को यह हिदायत दी जा रही है कि हर हाल में पोर्टल पर प्रोडक्ट से जुड़े ऑरिजिनल कंटेंट या रिव्यू होने चाहिए। एक सरकारी अधिकारी ने कहा है कि ऑनलाइन कंपनियों को कस्टमर की तरफ से लिखे निगेटिव रिव्यू को रोकने पर रोक लगा दी जाएगी।

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उल्लंघन करने वाली कंपनियों पर होगी कार्रवाई 

उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने कहा कि उपभोक्ता मामलों के मंत्री ने क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर का प्रस्ताव किया है, ताकि इस तरह के फर्जी रिव्यू पर रोक लगाई जा सके। उन्होंने कहा कि इस बदलाव से ई-कॉमर्स कंपनियों को कस्टमर्स की वाजिब परेशानियों को समझने का मौका मिलेगा और निगेटिव फीडबैक से भी राहत मिलेगी। खरे ने कहा कि कंपनियों को सरकार के नए नियमों से होकर गुजरना होगा। जो कंपनियां इसका उल्लंघन करेंगी उन पर कार्रवाई होगी।

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कई प्रोडक्ट्स भी हटाए जा सकते हैं

इसके अलावा क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर चूकि बीआईएस से होकर गुजरेगा तो जाहिर है कई प्रोडक्ट्स को पोर्टल से हटाया जा सकता है। खरे ने हाल ही में कहा था कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर प्रोडक्ट्स और सर्विस की नकली समीक्षाएं अभी भी सामने आ रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रोडक्ट्स का खुद से निरीक्षण करने का कोई मौका नहीं होने के चलते, उपभोक्ता जब खरीदारी करता है तो वह मिली रेटिंग पर भरोसा करते हैं। भ्रामक रिव्यू और रेटिंग उन्हें गलत जानकारी के आधार पर सामान या सेवाएं खरीदने के लिए प्रेरित कर सकती हैं।


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News Editor

Rahul Singh

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