डोनाल्ड ट्रंप ने मारी पलटी... 25% से घटाकर 15% किया टैरिफ, इस देश पर मेहरबान हुए अमेरिकी राष्ट्रपति
punjabkesari.in Friday, Sep 05, 2025 - 11:52 AM (IST)

नेशनल डेस्क : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को अमेरिका और जापान के बीच हुए नए व्यापार समझौते को लागू करने वाले कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए। ट्रंप ने इसे 'अमेरिका-जापान व्यापार संबंधों के एक नए दौर की शुरुआत' बताया। इस आदेश के अनुसार, अब जापान से अमेरिका आने वाले लगभग सभी सामानों पर 15% का बेसलाइन टैरिफ लगाया जाएगा। हालांकि, कुछ खास क्षेत्रों को इससे छूट दी गई है। इनमें ऑटोमोबाइल और ऑटो पार्ट्स, एयरोस्पेस उत्पाद, जेनेरिक दवाएं और ऐसे प्राकृतिक संसाधन शामिल हैं, जो अमेरिका में उपलब्ध नहीं हैं। शुरुआत में ट्रंप प्रशासन ने जापान और दक्षिण कोरिया पर 25% टैरिफ लगाने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन बातचीत अटक गई थी। लंबे समय तक चली चर्चा के बाद अब 15% बेसलाइन टैरिफ को मंजूरी दे दी गई है।
व्हाइट हाउस का बयान
व्हाइट हाउस की ओर से कहा गया, 'इस समझौते का ढांचा पारस्परिकता और साझा राष्ट्रीय हितों पर आधारित है।' इस डील की सबसे बड़ी खासियत यह है कि जापान ने अमेरिका में करीब 550 अरब डॉलर का निवेश करने का वादा किया है। अमेरिकी प्रशासन का कहना है कि यह निवेश अब तक के इतिहास में सबसे बड़ा होगा। इससे नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मजबूती मिलेगी और राष्ट्रीय सुरक्षा को भी लाभ होगा।
🇺🇸🤝🇯🇵@POTUS has signed an Executive Order officially implementing the U.S.-Japan Trade Agreement. pic.twitter.com/BsmH1x2wGk
— The White House (@WhiteHouse) September 4, 2025
कृषि और रक्षा क्षेत्र पर बड़ा प्रभाव
समझौते के तहत जापान अमेरिका से बड़ी मात्रा में सामान खरीदेगा। इसमें कमर्शियल एयरक्राफ्ट, डिफेंस इक्विपमेंट और अरबों डॉलर मूल्य के कृषि उत्पाद शामिल हैं। टोक्यो ने यह भी वादा किया है कि वह अमेरिकी चावल के आयात में 75% की बढ़ोतरी करेगा। इसके साथ ही मक्का, सोयाबीन, उर्वरक और बायोएथेनॉल जैसे उत्पादों का आयात भी बढ़ेगा। अनुमान है कि इससे अमेरिका का कृषि निर्यात हर साल लगभग 8 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा।
समझौते का उद्देश्य
- अमेरिकी उत्पादों के लिए बड़ा बाजार उपलब्ध कराना
- अमेरिका-जापान व्यापार घाटे को कम करना
- निवेश और उत्पादन को बढ़ावा देना
- राष्ट्रीय सुरक्षा जरूरतों को ध्यान में रखना
इस हफ्ते जापानी वार्ताकार अकाज़ावा रयोसेई वॉशिंगटन में मौजूद थे, जब ट्रंप ने इस आदेश पर हस्ताक्षर किए।