26/11 की वो रात जिससे दहल गई थी पूरी मुंबई नगरी, एक क्लिक में पढ़ें दिनभर की बड़ी खबरें

punjabkesari.in Thursday, Nov 26, 2020 - 09:20 PM (IST)

नेशनल डेस्कः मुंबई में हुए 26/11 आतंकी हमले की आज बरसी है। 12 साल पहले हुए इस हमले के जख्म भले ही भर गए हों लेकिन निशान अब भी बाकी है। 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने देश को ऐसा दर्द दिया जिसे शायद ही कोई भूल सके। आज भी उस दर्दनाक घटना को याद कर रूह कांप उठती है। वहीं, भारत आज संविधान दिवस को 70 साल पूरे गए हैं। भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 से लागू किया गया था। डॉ. भीमराव अंबेडकर ने संविधान को दो साल, 11 महीने और 18 दिनों में तैयार कर राष्ट्र को समर्पित किया था। इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘‘एक राष्ट्र, एक चुनाव'' (वन नेशन, वन इलेक्शन) को केवल विचार-विमर्श का मुद्दा नहीं बल्कि देश की जरूरत बताया और कहा कि इस बारे में गंभीरता से सोचा जाना चाहिए।

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26/11 के खौफनाक हमले को याद कर आज भी कांप जाती है रूह
मुंबई में हुए 26/11 आतंकी हमले की आज बरसी है। 12 साल पहले हुए इस हमले के जख्म भले ही भर गए हों लेकिन निशान अब भी बाकी है। 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने देश को ऐसा दर्द दिया जिसे शायद ही कोई भूल सके। आज भी उस दर्दनाक घटना को याद कर रूह कांप उठती है। कैसे उन दरींदों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर 160 से ज्यादा मासूम लोगों की जान ले ली थी। इस दौरान पूरी मुंबई बम धमाकों और गोलीबारी की आवाज से गूंज उठी थी जिसकी आवाज पूरी दुनिया ने सुनी। इस मुश्किल समय में मुंबई पुलिस के जवानों ने हिम्मत नहीं हारी और डटकर सामन किया।

भारत के संविधान को 70 वर्ष पूरे
भारत में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। इस दिन संविधान निर्माता डॉ.भीमराव अंबेडकर को याद किया जाता है। साल 1949 में 26 नवंबर यानी आज ही के दिन भारत का संविधान बनकर तैयार हुआ था। भारत का संविधान दुनिया के सभी संविधानों को परखने के बाद बनाया गया था इसलिए इस संविधान को सबस महत्वपूर्ण संविधान कहा जाता है। भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 से लागू किया गया था। बता दें कि डॉ. भीमराव अंबेदकर ने संविधान को दो साल, 11 महीने और 18 दिनों में तैयार कर राष्ट्र को समर्पित किया था। विश्व में भारत का संविधान सबसे बड़ा है। इसमें 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां और 94 संसोधन शामिल हैं। भारत का संविधान एक हस्तलिखित है। इसमें 48 आर्टिकल हैं।

‘एक देश, एक चुनाव’ को लेकर फिर बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को ‘‘एक राष्ट्र, एक चुनाव'' (वन नेशन, वन इलेक्शन) को केवल विचार-विमर्श का मुद्दा नहीं बल्कि देश की जरूरत बताया और कहा कि इस बारे में गंभीरता से सोचा जाना चाहिए। मोदी यहां वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से पीठासीन अधिकारियों के 80वें अखिल भारतीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। दो दिन का यह सम्मेलन बुधवार को शुरू हुआ था जिसका उद्घाटन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया था।

मोदी सरकार की क्रूरता के खिलाफ डटकर खड़ा है देश का किसान
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के दिल्ली चलो मार्च की पृष्ठभूमि में बृहस्पतिवार को दावा किया कि केंद्र सरकार की च्क्रूरता' के खिलाफ देश के सभी किसान डटकर खड़े हैं। उन्होंने दिल्ली पहुंचने का प्रयास कर रहे किसानों पर पानी की बौछार करने से जुड़ा एक वीडियो ट्विटर पर साझा कर सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस नेता ने एक कविता ट्वीट की, नहीं हुआ है अभी सवेरा, पूरब की लाली पहचान, चिडिय़ों के जगने से पहले खाट छोड़ उठ गया किसान, काले कानूनों के बादल गरज रहे गड़-गड़, अन्याय की बिजली चमकती चम-चम, मूसलाधार बरसता पानी, जरा ना रुकता लेता दम...! राहुल गांधी ने दावा किया, मोदी सरकार की क्रूरता के खिलाफ देश का किसान डटकर खड़ा है। 

दिल्ली कूच: पानीपत पहुंचे किसान
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों ने दिल्ली कूच का ऐलान किया है। किसानों को रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने सभी बॉर्डर सील कर दिए हैं। ऐसे में किसानों और पुलिस के बीच कई जगह टकराव हो गया। शंभू बॉर्डर पर किसानों ने आगे बढ़ने के लिए बेरिकेट तोड़ दिए। इसके बाद पुलिस ने पानी की बौछारें करके उन्हें रोकने की कोशिश की, वहीं आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए। इससे गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। ऐसी स्थिति कई जगह बनी। किसान उग्र रुप धारण किए हुए हैं। पुलिस द्वारा लगाए गए बेरिकेट को तोड़कर वह दिल्ली के लिए आगे बढ़ रहे हैं।

ममता ने साधा अमित शाह पर निशाना
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि भाजपा बाहरी लोगों की पार्टी है और राज्य में उनका कोई स्थान नहीं है। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने यह भी कहा कि वह बंगाल को कभी भी ‘दंगा-प्रभावित गुजरात' नहीं बनने देंगी। ममता ने आश्चर्य जताया कि देश की सीमा पर स्थिति ठीक नहीं होने के बावजूद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह क्यों चुनावों में इतने व्यस्त हैं। ममता ने कहा कि उन्होंने ‘अपने करियर में कभी भी ऐसा गृह मंत्री' नहीं देखा है।

दिल्ली में कोरोना का विकराल रूप
राष्ट्रीय राजधानी में 28 अक्टूबर से अब तक कोविड-19 से 2,364 मरीजों की मौत हुई और इस दौरान प्रतिदिन सामने आने वाले संक्रमण के मामले पहली बार पांच हजार के आंकड़े को पार कर गए। कोरोना वायरस की वजह से दिल्ली में औसतन हर घंटे में 5 लोगों की मौत हो रही है। आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई। बुधवार को कोविड-19 से 99 और मरीजों की मौत हो गई जिसके बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 8,720 पर पहुंच गई। 

दिल्ली में लगेगा नाइट कर्फ्यू ?
देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों पर काबू पाने और संक्रमण रोकने के लिए हो सकता है आने वाले दिनों में नाइट कर्फ्यू लगाने का फैसला हो जाएगा। दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली सरकार से पूछा कि क्या दिल्ली सरकार आने वाले दिनों में अन्य राज्यों की तरह कदम उठाएगी तो इसके जवाब में दिल्ली सरकार की तरफ से कोर्ट में कहा गया है कि सरकार दिल्ली में कोरोना की स्थिति को देखते हुए सक्रियता से नाइट कर्फ्यू या सप्ताहअंत में कुछ पाबंदियां लगाने पर विचार कर रही है।

नहीं होगी दिशा सालियान की मौत की सीबीआई जांच
बॉम्बे हाई कोर्ट ने दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व प्रबंधक दिशा सालियन की मौत की अदालत की निगरानी में सीबीआई जांच के अनुरोध वाली याचिका को बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया। इसके साथ ही अदालत ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति को इस मामले में कोई जानकारी है, तो वह पुलिस से संपर्क करने के लिए स्वतंत्र है। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि ऐसी कोई याचिका दायर करने के लिए याचिकाकर्ता, दिल्ली स्थित अधिवक्ता पुनीत ढांडा का मामले से कोई संबंध (लोकस स्टैंडाइ) नहीं है।

शादी समारोह में बैण्ड-डीजे बजाने के लिए पुलिस से अनुमति लेने की जरूरत नहीं
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 से बचाव के सम्बन्ध में लोगों को निरंतर जागरूक किये जाने पर बल देते हुए कहा कि गाइडलाइन्स के नाम पर किसी का भी उत्पीड़न बर्दास्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा है कि आमजन को कोविड-19 की गाइडलाइन्स का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। गाइडलाइन्स के नाम पर उत्पीडऩ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसा करने वालों की जवाबदेही तय की जाएगी। उन्होंने लोगों से कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पूर्ण पालन करने की अपील की है।  
 


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Yaspal

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