RBI का बड़ा कदम: कैंसिल किया इस बैंक का लाइसेंस, जानिए क्या करें ग्राहक?
punjabkesari.in Saturday, Apr 26, 2025 - 11:56 AM (IST)

नेशनल डेस्क: देश के बैंकिंग क्षेत्र से एक और बुरी खबर सामने आई है। भारतीय रिजर्व बैंक ने जालंधर स्थित इंपीरियल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। इसका मतलब यह है कि अब यह बैंक अपने ग्राहकों को बैंकिंग सेवाएं नहीं दे पाएगा। बैंक के पास न तो पर्याप्त पूंजी थी और न ही भविष्य में मुनाफा कमाने के कोई स्पष्ट रास्ते थे, जिससे बैंकिंग रेगुलेटर ने इसके लाइसेंस को रद्द करने का निर्णय लिया। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि इससे जुड़े ग्राहकों का क्या होगा और क्या उनका पैसा सुरक्षित रहेगा? आइए, इस रिपोर्ट में विस्तार से जानते हैं कि बैंक के लाइसेंस कैंसिल होने का क्या असर पड़ेगा और बैंक के ग्राहकों को क्या करना चाहिए।
बैंक का लाइसेंस कैंसिल करने की वजहें
आरबीआई ने शुक्रवार को यह घोषणा की कि उसने इंपीरियल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस कैंसिल कर दिया है। रिजर्व बैंक के अनुसार, बैंक की मौजूदा वित्तीय स्थिति इतनी खराब थी कि वह अपने डिपॉजिटर्स को पूरी तरह से भुगतान नहीं कर सकता था। साथ ही, आरबीआई ने कहा कि यदि बैंक को भविष्य में भी बैंकिंग गतिविधियों को जारी रखने की अनुमति दी जाती, तो इससे ग्राहकों और आम जनता के हितों को गंभीर नुकसान हो सकता था। इंपीरियल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक की वित्तीय स्थिति इतनी कमजोर हो चुकी थी कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं थी और न ही इसके पास कमाई के अच्छे स्रोत थे। इसी कारण आरबीआई ने इसे बंद करने का फैसला लिया। बैंक के लिए पंजाब सरकार के सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार से भी बैंक को बंद करने और एक लिक्विडेटर नियुक्त करने की सलाह दी गई है
ग्राहकों को मिलेगा बीमा कवर
बैंक के लाइसेंस कैंसिल होने के बाद सबसे बड़ा सवाल यह था कि बैंक के ग्राहकों का क्या होगा। रिजर्व बैंक ने इस संबंध में कुछ जानकारी साझा की। आरबीआई ने बताया कि इंपीरियल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के अधिकांश ग्राहकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। बैंक के 97.79 प्रतिशत डिपॉजिटर्स को डिपॉजिट इंश्योरेंस और क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन से अपनी जमा राशि पर 5 लाख रुपये तक का बीमा कवर मिलेगा। रिजर्व बैंक के अनुसार, 31 जनवरी 2025 तक ने पहले ही 5.41 करोड़ रुपये की बीमित राशि का भुगतान कर दिया है। इसका मतलब है कि बैंक के अधिकांश ग्राहकों को उनका पैसा वापस मिलने की पूरी उम्मीद है। लेकिन, इसके लिए ग्राहकों को लिक्विडेटर द्वारा तय किए गए प्रक्रिया का पालन करना होगा, जो बैंक को बंद करने की प्रक्रिया के दौरान बैंक के संपत्तियों की बिक्री और ग्राहकों को उनके पैसे लौटाने का काम करेगा।
ग्राहकों को क्या करना चाहिए?
बैंक के लाइसेंस रद्द होने के बाद ग्राहकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी जमा राशि द्वारा कवर की गई सीमा के भीतर है। यदि किसी ग्राहक की जमा राशि 5 लाख रुपये से अधिक है, तो उन्हें अपनी अतिरिक्त राशि की वापसी के लिए लिक्विडेटर से संपर्क करना होगा। इसके अलावा, बैंक के बंद होने के बाद ग्राहक अपनी जमा राशि की स्थिति के बारे में लिक्विडेटर से अपडेट प्राप्त कर सकते हैं। आरबीआई ने यह भी कहा कि बैंक को अब किसी भी प्रकार की बैंकिंग सेवाएं देने की अनुमति नहीं है, जिसमें जमा स्वीकार करना और पूर्व में जमा की गई राशि का पुनर्भुगतान करना शामिल है। इस कदम से इंपीरियल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के कस्टमर्स को एक बड़ी राहत मिल सकती है, क्योंकि DICGC के द्वारा बीमित राशि पर दावा करने का अधिकार ग्राहकों को मिलेगा।
क्यों किया गया लाइसेंस कैंसिल?
आरबीआई ने बैंक का लाइसेंस कैंसिल करने का फैसला बैंक की वित्तीय स्थिति की जांच के बाद लिया। बैंक का मौजूदा पूंजी-आधारित मॉडल और भविष्य में इसे सुधारने की संभावना बहुत कम थी। इसी कारण, आरबीआई ने इसे अपने ग्राहकों के हित में बंद करने का निर्णय लिया। इसके साथ ही, बैंक को लिक्विडेटर के हवाले कर दिया गया है, जो बैंक की संपत्तियों की बिक्री और ग्राहकों को उनके जमा का भुगतान करने की प्रक्रिया की देखरेख करेगा।