इंडसइंड के बाद अब स्टैंडर्ड चार्टर्ड पर RBI की नजर, हो सकती है बड़ी कार्रवाई
punjabkesari.in Wednesday, Jun 18, 2025 - 05:50 PM (IST)

नेशनल डेस्क: इंडसइंड बैंक के बाद अब एक और विदेशी बैंक स्टैंडर्ड चार्टर्ड भारतीय रिजर्व बैंक की रडार पर है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बैंक ने छोटे और मझोले उद्यमों को ऐसे जटिल फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स बेचे, जिनमें भारी जोखिम था, परंतु ग्राहकों को इसकी पूरी जानकारी नहीं दी गई।
डेरिवेटिव प्रोडक्ट्स बेचने पर उठे सवाल
बिजनेस रिपोर्ट्स के अनुसार, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक ने SMEs को Target Redemption Forwards जैसे डेरिवेटिव प्रोडक्ट्स बेचे जो सामान्यतः बड़ी कंपनियों के लिए उपयुक्त माने जाते हैं। आरोप है कि इन प्रोडक्ट्स में जोखिम का खुलासा ठीक से नहीं किया गया, जिससे छोटे व्यवसायों को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ।
RBI कर रहा है गहन जांच
RBI ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है, जो निम्नलिखित पहलुओं पर केंद्रित है:
➤ बिक्री प्रक्रिया की पारदर्शिता
➤ जोखिम प्रबंधन नीतियाँ
➤ RBI रिजर्व मानकों का पालन
Forward Rate Agreement की लेखा पद्धति
RBI का मानना है कि SMEs को ऐसे जटिल प्रोडक्ट्स बेचना, जिनकी समझ सीमित हो, सिस्टम में अस्थिरता पैदा कर सकता है।
बैंक का पक्ष और स्थिति
स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने इस मुद्दे को "नियमित निरीक्षण प्रक्रिया" बताया है। बैंक के प्रवक्ता का कहना है कि अभी तक RBI की ओर से कोई औपचारिक कार्रवाई नहीं हुई है। हालांकि, सूत्रों की मानें तो जांच गहराई से की जा रही है और बैंक को अपनी रणनीतियों में बड़ा बदलाव करना पड़ सकता है।
➤ भारत में स्टैंडर्ड चार्टर्ड की मौजूदगी
➤ 165 वर्षों से भारत में परिचालन
➤ 42 शहरों में 100 शाखाएँ
सेवाएँ: कॉर्पोरेट बैंकिंग, वेल्थ मैनेजमेंट, रिटेल बैंकिंग
बैंक की देश में गहरी जड़ें हैं, लेकिन मौजूदा विवाद इसकी साख और ग्राहकों के भरोसे को प्रभावित कर सकता है।
RBI की सख्ती क्यों बढ़ रही है?
RBI अब ग्राहक सुरक्षा और वित्तीय पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है। विशेषकर छोटे कारोबारियों को डेरिवेटिव जैसे जटिल प्रोडक्ट्स बेचने में स्पष्टीकरण और जोखिम का खुलासा अनिवार्य है।