RBI ने इस सरकारी बैंक पर लगाया भारी जुर्माना, कहीं आपका खाता तो नहीं इस बैंक में?
punjabkesari.in Saturday, Apr 05, 2025 - 09:37 AM (IST)

नेशनल डेस्क: भारतीय रिजर्व बैंक ने उत्तर प्रदेश के एक बड़े ग्रामीण बैंक पर कार्रवाई करते हुए 36.40 लाख रुपये का जुर्माना ठोका है। यह जुर्माना नियमों के उल्लंघन के चलते लगाया गया है। अगर आपका खाता इस बैंक में है तो जानिए आपको क्या करना चाहिए और ये कार्रवाई किस वजह से हुई।
आर्यावर्त बैंक पर RBI की बड़ी कार्रवाई
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आर्यावर्त बैंक पर 36.40 लाख रुपये की पेनल्टी लगाई है। यह बैंक उत्तर प्रदेश के 26 जिलों में संचालित होता है और इसका स्पॉन्सर बैंक बैंक ऑफ इंडिया है। यह एक सरकारी ग्रामीण बैंक है जो गांव-गांव में वित्तीय सेवाएं पहुंचाने के लिए जाना जाता है।
क्यों लगी बैंक पर पेनल्टी?
नेशनल डेस्क: RBI ने बताया कि बैंक ने बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 के कुछ प्रावधानों का उल्लंघन किया है। दरअसल, 31 मार्च 2023 को नाबार्ड (NABARD) द्वारा बैंक का निरीक्षण किया गया था जिसमें पता चला कि बैंक कुछ महत्वपूर्ण दिशा-निर्देशों का पालन नहीं कर रहा था।
आरोप क्या-क्या हैं?
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बैंक अघोषित जमा राशि (Unclaimed Amount) को तय समय में डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड (DEAF) में ट्रांसफर नहीं कर पाया।
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इस लापरवाही को आरबीआई ने गंभीरता से लिया क्योंकि यह ग्राहकों के हितों से जुड़ा मामला है।
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इस फंड का मकसद ग्राहकों को जागरूक करना और उनके पैसे की सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है।
नोटिस भेजकर मांगा गया जवाब
आरबीआई ने आर्यावर्त बैंक को कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) जारी किया था कि क्यों न उस पर जुर्माना लगाया जाए। बैंक ने जवाब भी दिया लेकिन जांच के बाद पाया गया कि बैंक की लापरवाही साफ नजर आ रही है। इसके बाद ही मॉनिटरी पेनल्टी लगाने का फैसला किया गया।
ग्राहकों को घबराने की जरूरत नहीं
आरबीआई ने अपने बयान में यह भी स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई बैंक और उसके ग्राहकों के बीच लेनदेन पर कोई असर नहीं डालेगी। यानी अगर आपका खाता आर्यावर्त बैंक में है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। बैंक सामान्य तरीके से काम करता रहेगा।
आर्यावर्त बैंक कहां-कहां संचालित होता है?
यह बैंक उत्तर प्रदेश के 26 जिलों में अपनी शाखाएं चलाता है। खासकर ग्रामीण इलाकों में इसकी मजबूत पकड़ है। किसान, मजदूर और छोटे कारोबारियों के लिए यह बैंक जरूरी वित्तीय सेवाएं उपलब्ध कराता है।
क्या है डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड?
DEAF (Depositor Education and Awareness Fund) वह फंड है जिसमें बैंकों को ग्राहकों की लंबे समय से क्लेम न की गई राशि को ट्रांसफर करना होता है। इसका उद्देश्य उन जमाकर्ताओं को जागरूक करना है जिन्होंने अपनी राशि को लंबे समय से नहीं निकाला या जिनकी राशि बिना किसी क्लेम के पड़ी है।
क्या हो सकते हैं इसके परिणाम?
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बैंक को अब ज्यादा सतर्क होकर काम करना होगा
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आरबीआई की नजर अब इस बैंक की भविष्य की गतिविधियों पर भी रहेगी
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ऐसे मामलों से ग्राहकों के विश्वास पर असर पड़ सकता है, हालांकि फिलहाल बैंकिंग सेवाएं सामान्य हैं
आरबीआई का सख्त संदेश
RBI लगातार बैंकों को गाइडलाइंस के पालन को लेकर आगाह करता रहा है। यह कार्रवाई एक कड़ा संदेश है कि अगर कोई भी बैंक नियमों की अनदेखी करेगा तो उसे जुर्माना भुगतना पड़ेगा। इससे ग्राहकों के हित सुरक्षित रहते हैं और बैंकिंग सिस्टम में पारदर्शिता बनी रहती है।