चूहे को तड़पा-तड़पा कर मारा, DTU के दो स्टूडेंट सस्पेंड, पुलिस ने दर्ज की FIR

punjabkesari.in Saturday, Apr 06, 2024 - 12:40 PM (IST)

नेशनल डेस्क: चूहे को तड़पा-तड़पाकर मारने के आरोप में दो स्टूडेंट्स पर एफआईआर दर्ज होने के बाद डीटीयू ने दोनों को सस्पेंड कर दिया है। आरोप है कि दोनों स्टूडेंट्स ने चूहे को एक छोटे प्लास्टिक बॉक्स में बंद कर दिया था। इसके बाद उस प्लास्टिक बॉक्स में खौलता पानी डाल दिया। इस वजह से चूहे ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया। घटना इसी साल जनवरी की है।

मामले में दिल्ली के शाहबाद डेयरी पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। आरोप है कि स्टूडेंट की बर्बरता यहीं नहीं रुकी। चूहे की मौत के बाद स्टूडेंट्स ने इसका मजाक बनाते हुए चूहे का अंतिम संस्कार भी किया। मौत और अंतिम संस्कार का विडियो शूट किया गया। पेटा के अनुसार, इस विडियो को एक स्टूडेंट ने एक्स पर अपलोड किया। इसके बाद ही उन्हें इसकी जानकारी हुई। एफआईआर दर्ज होने के बाद पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया के प्रतिनिधि यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ. प्रतीक शर्मा से मिले। उन्होंने वीसी से अपील की कि स्टूडेंट्स पर कार्रवाई की जाए।

इसके बाद यूनिवर्सिटी ने एक अप्रैल को आधिकारिक आदेश जारी करते हुए दोनों स्टूडेंट्स को हॉस्टल से बाहर कर दिया। इसके अलावा दोनों को दो हफ्ते के लिए सस्पेंड कर 10000- 10000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। यूनिवर्सिटी ने स्टूडेंट्स को डिग्री खत्म होने पर प्रोवेशन पर डाल दिया है। यूनिवर्सिटी में बने रहने के लिए इन दोनों को भविष्य में ऐसा न करने की शपथ लेनी होगी। इनके पैरंट्स के कहा गया है कि दोनों का साइकेट्रिक इवेल्यूएशन करवाएं। 

लोगों की सुरक्षा के लिए भी खतरा
पेटा इंडिया की क्रूएल्टी रिस्पांस को-ऑर्डिनेटर सुनयना बसु के अनुसार जो लोग जानवरों के साथ इस तरह की बर्बरता करते है, वह इंसानों को भी नुकसन पहुंचाते हैं। इसलिए लोगों की सुरक्षा के लिए यह जरूरी है कि लोग इस तरह की पशु क्रूरता के मामलों को रिपोर्ट करें। डीटीयू के वीसी डॉ. प्रतीक शर्मा ने हमें मेसेज किया है कि जानवरों के प्रति इस तरह की बर्बरता सहन नहीं की जाएगी।

साइकेट्रिक जांच करने की जरूरत
पेटा इंडिया सिफारिश करता है कि ऐसी हरकत करने वालों का साइकेट्रिक इवेल्यूएशन कराया जाए और काउंसलिंग करवाई जाए। फरेंसिक रिसर्च एंड क्रिमिनॉलाजी इंटरनैशनल जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जो पशु क्रूरता करते है, उनके अन्य अपराधों में शामिल होने की संभावना तीन गुना अधिक होती है। इनमें हत्या, बलात्कार, डकैती, हमला, उत्पीड़न शामिल है।

अभी सिर्फ ₹50 जुर्माने का प्रावधान
पेटा इंडिया के अनुसार जानवर किसी तरह के दुर्व्यवहार को सहने के लिए नहीं है। पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 को हम मजबूत करने के लिए लंबे समय से अभियान चला रहे हैं। इस कानून के तहत पहली बार जानवरों पर अपराध के दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को महज 50 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। हालांकि आईपीसी के तहत कड़ी सजा का प्रावधान है।


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Content Editor

Mahima

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