बेटियों के हाथों में अब चूडिय़ां नहीं हथियार हैं, बॉर्डर पर दे रहीं पहरा

punjabkesari.in Wednesday, Jul 06, 2016 - 04:09 PM (IST)

जैसलमेर: पचास डिग्री सेल्सियस तापमान मेें भी हिंदुस्तान की बेटियां अपने देश की रक्षा करने और दुश्मन के नापाक इरादों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए हाथों में हथियार थामेेे चौकस निगाहों सेेे डयूटी कर रहीं हैं।  सीमा सुरक्षा बल राजस्थान के प्रवक्ता उपमहानिरीक्षक रवि गांधी ने बताया कि राजस्थान मेें पाकिस्तान से लगती अन्तरराष्ट्रीय सीमा पर करीब पंाच महीने पहले बीएसएफ की महिलाकर्मियों की तैनाती की गई है। 

गांधी ने बताया कि अन्तरराष्ट्रीय सीमा पर फिलहाल पांच प्रतिशत महिलाओं को तैनात किया गया है। आने वाले समय में तैनाती पंद्रह प्रतिशत तक की जाएगी। बीएसएफ सूत्रों के अनुसार राजस्थान से लगी सरहद पर तैनात हर जवान को ड्यूटी के दौरान जरीकेन में पांच लीटर पानी मिलता है। जवान उसे कपड़े से ढककर जतन से रखते हैं। पानी के साथ नींबू.पानी का पाउच दिया जाता है जो संजीवनी का काम करता है। बीएसएफ के जांबाज दो-दो के ग्रुप में गश्त करते हैं। एक ग्रुप की शिफ्ट छह घंटे की होती है। दो निगरानी टावर के बीच गश्त की दूरी 1200 मीटर होती है।  

 
 
 

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