विधानसभा सत्र बुलाने पर बोले राजस्थान के राज्यपाल- 21 दिन का नोटिस जरूरी

punjabkesari.in Monday, Jul 27, 2020 - 07:13 PM (IST)

जयपुरः राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा का सत्र बुलाने का राज्य मंत्रिमंडल का संशोधित प्रस्ताव कुछ 'बिंदुओं' के साथ सरकार को वापस भेजा है। उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र संवैधानिक प्रावधानों के अनुकूल आहूत होना आवश्यक है। इसके साथ ही राजभवन की ओर से स्पष्ट किया गया है कि राजभवन की विधानसभा सत्र नहीं बुलाने की कोई भी मंशा नहीं है। राजभवन ने जो तीन बिंदु उठाए हैं उनमें पहला बिंदु यह है कि विधानसभा सत्र 21 दिन का स्पष्ट नोटिस देकर बुलाया जाए।

राजभवन सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल ने विधानसभा सत्र बुलाने की राज्य सरकार की संशोधित पत्रावली को तीन बिंदुओं पर कार्यवाही कर पुन: उन्हें भिजवाने के निर्देश के साथ संसदीय कार्य विभाग को भेजी है। इससे पहले शुक्रवार को राज्यपाल ने सरकार के प्रस्ताव को कुछ बिंदुओं पर कार्यवाही के निर्देश के साथ लौटाया था। सूत्रों ने बताया कि राजभवन ने तीन बिंदुओं पर कार्यवाही किए जाने का समर्थन देते हुए पत्रावली पुन: प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।


इनमें पहला बिंदु यह है कि विधानसभा सत्र 21 दिन का स्पष्ट नोटिस देकर बुलाया जाए जिससे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 के अंतर्गत प्राप्त मौलिक अधिकारों की मूल भावना के अंतर्गत सभी को समान अवसर सुनिश्चित हो सके। राजभवन की ओर से जारी एक बयान के अनुसार राज्यपाल मिश्र ने कहा है कि विधानसभा सत्र संवैधानिक प्रावधानों के अनुकूल आहूत होना आवश्यक है।

राज्यपाल ने संविधान के अनुच्छेद 174 के अंतर्गत तीन परामर्श देते हुए विधानसभा का सत्र आहूत किए जाने हेतु कार्यवाही किए जाने के निर्देश राज्य सरकार को दिए हैं। इसमें कहा गया कि, ‘‘विधानसभा सत्र न बुलाने की कोई भी मंशा राज राजभवन की नहीं है।'' इसमें कहा गया है, ‘‘प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रानिक मीडिया में राज्य सरकार के बयान से यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव लाना चाहती है परंतु सत्र बुलाने के प्रस्ताव में इसका उल्लेख नहीं है। यदि राज्य सरकार विश्वास मत हासिल करना चाहती है तो यह अल्पावधि में सत्र बुलाए जाने का युक्तिसंगत आधार बन सकता है।''

 


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Yaspal

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