भोपाल फिर सहमा! गेल प्लांट से लीक हुई मीथेन गैस, जानें एक ही झटके में कितने लोगों को कर सकती है खत्म
punjabkesari.in Thursday, Apr 24, 2025 - 05:04 PM (IST)

नेशनल डेस्क: मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में उस वक्त हड़कंप मच गया जब राजधानी भोपाल से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित गेल (GAIL) के प्लांट से मीथेन गैस का रिसाव हुआ। सुबह-सुबह फैली गैस की जानकारी मिलते ही लोगों के बीच दहशत फैल गई। हालांकि राहत की बात यह रही कि फायर सेफ्टी टीम समय पर मौके पर पहुंची और कुछ ही घंटों में हालात पर काबू पा लिया गया। इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन इसने एक बार फिर औद्योगिक सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मीथेन गैस: दिखती नहीं, लेकिन खतरा जानलेवा
मीथेन एक गंधहीन, रंगहीन और अत्यधिक ज्वलनशील गैस होती है। हवा में इसकी मौजूदगी अगर 50% से अधिक हो जाए, तो यह स्थिति दम घुटने जैसी हो जाती है। ऑक्सीजन की भारी कमी के कारण यह गैस नसों पर सीधा असर डालती है, जिससे व्यक्ति कुछ ही मिनटों में बेहोश हो सकता है या मौत के मुंह में जा सकता है।
रिसाव के दौरान क्या हुआ?
घटना के तुरंत बाद फायर सेफ्टी टीम को सूचना दी गई। टीम ने मौके पर पहुंचकर गैस के रिसाव को बंद कराया। प्लांट के उत्पादन को रोक दिया गया है और सुरक्षा मानकों की समीक्षा की जा रही है। इस दौरान किसी भी व्यक्ति के घायल होने की सूचना नहीं है।
मीथेन के संपर्क में आने पर क्या होता है?
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सांस लेने में परेशानी
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आंखों में जलन
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सिरदर्द और चक्कर
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फेफड़े और दिल पर असर
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कुछ मामलों में त्वरित मौत भी संभव
क्यों याद आ गया भोपाल गैस कांड?
1984 की भोपाल गैस त्रासदी अब भी लोगों के जहन में ताजा है, जब यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड से रिसी मिथाइल आइसोसाइनेट (MIC) गैस ने शहर को मौत की नींद सुला दिया था। उस हादसे में 5,000 से अधिक लोगों की जान गई थी और लाखों लोग प्रभावित हुए थे।
सबक क्या है?
इस ताजा घटना ने एक बार फिर यह जता दिया कि चाहे सुरक्षा उपाय कितने भी कड़े क्यों न हों, एक चूक बड़ा हादसा बन सकती है। गनीमत रही कि इस बार स्थिति को समय रहते संभाल लिया गया, वरना परिणाम बेहद भयावह हो सकते थे।