भाजपा की ‘लेटरल एंट्री'' जैसी साजिशों को करेंगे नाकाम: Rahul Gandhi
punjabkesari.in Tuesday, Aug 20, 2024 - 03:16 PM (IST)
नेशनल डेस्क: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने ‘लेटरल एंट्री' से जुड़ा विज्ञापन निरस्त करने संबंधी केंद्र सरकार के फैसले के बाद मंगलवार को कहा कि वह संविधान और आरक्षण व्यवस्था की हर कीमत पर रक्षा करेंगे और भाजपा की ‘लेटरल एंट्री' जैसी ‘‘साजिशों'' को हर हाल में नाकाम करके दिखाएंगे।
संविधान और आरक्षण व्यवस्था की हम हर कीमत पर रक्षा करेंगे।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 20, 2024
भाजपा की ‘लेटरल एंट्री’ जैसी साजिशों को हम हर हाल में नाकाम कर के दिखाएंगे।
मैं एक बार फिर कह रहा हूं - 50% आरक्षण सीमा को तोड़ कर हम जातिगत गिनती के आधार पर सामाजिक न्याय सुनिश्चित करेंगे।
जय हिन्द।
'मैं एक बार फिर कह रहा हूं - 50 प्रतिशत आरक्षण...'
राहुल गांधी ने ‘एक्स' पर पोस्ट शेयर कर कहा कि, ‘‘संविधान और आरक्षण व्यवस्था की हम हर कीमत पर रक्षा करेंगे। भाजपा की ‘लेटरल एंट्री' जैसी साजिशों को हम हर हाल में नाकाम कर के दिखाएंगे।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक बार फिर कह रहा हूं - 50 प्रतिशत आरक्षण सीमा को तोड़ कर हम जातिगत गिनती के आधार पर सामाजिक न्याय सुनिश्चित करेंगे। जय हिन्द।''
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की अध्यक्ष प्रीति सूदन को पत्र लिखकर ‘लेटरल एंट्री' से संबंधित नवीनतम विज्ञापन रद्द करने को कहा “ताकि कमजोर वर्गों को सरकारी सेवाओं में उनका उचित प्रतिनिधित्व मिल सके।”
जानिए क्या है लेटरल एंट्री?
बता दें कि ‘लेटरल एंट्री' एक सीधी भर्ती की प्रक्रिया है। जिसके माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों की केंद्र सरकार के मंत्रालयों एवं विभागों में कुछ निश्चित समय के लिए नियुक्ति की जाती है। ये भर्तियां सामान्यत: संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के पदों पर की जाती हैं। केंद्र सरकार ने ‘लेटरल एंट्री' के माध्यम से 45 विशेषज्ञों की विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों में संयुक्त सचिव, निदेशक और उपसचिव जैसे प्रमुख पदों पर नियुक्ति करने की घोषणा की थी। आमतौर पर ऐसे पदों पर अखिल भारतीय सेवाओं-भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफओएस) और अन्य ‘ग्रुप ए' सेवाओं के अधिकारी तैनात किए जाते हैं।