क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर किया गया राहुल गांधी का केस, संसद गेट पर झड़प मामले में FIR
punjabkesari.in Friday, Dec 20, 2024 - 10:10 PM (IST)
नेशनल डेस्कः दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को पुष्टि की कि संसद परिसर में हाल ही में हुई झड़प के मामले और इससे संबंधित दोनों शिकायतों (भाजपा और कांग्रेस की) की जांच अपराध शाखा को सौंप दी गई है। भाजपा की शिकायत के आधार पर कांग्रेस नेता और लोकसभा सांसद राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
गुरुवार को भाजपा द्वारा शिकायत दर्ज कराए जाने के कुछ ही घंटों बाद पुलिस ने राहुल गांधी पर "शारीरिक हमला" और "उकसाने" के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की। भाजपा ने आरोप लगाया कि यह घटना संसद के प्रवेश द्वार पर हुई, जहां एनडीए और विपक्षी सांसदों के बीच झड़प हुई। इस घटना में पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी और भाजपा सांसद मुकेश राजपूत घायल हो गए।
पुलिस के अनुसार, प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 115 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने का प्रयास), 117 (गंभीर चोट पहुंचाने का प्रयास), 125 (दूसरों की जान या सुरक्षा को खतरे में डालने का कार्य), 131 (आपराधिक बल का प्रयोग), 351 (आपराधिक धमकी), और धारा 3(5) (सामान्य इरादा) के तहत दर्ज की गई है। इनमें से अधिकांश धाराएं जमानती हैं, लेकिन धारा 117 गैर-जमानती है, जिसके तहत दोषी पाए जाने पर सात साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। पुलिस ने कहा कि मामले की जांच के दौरान राहुल गांधी को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। इसके अलावा, लोकसभा सचिवालय से उस क्षेत्र की सीसीटीवी फुटेज भी मांगी जाएगी, जहां घटना होने का दावा किया गया है।
भाजपा ने राहुल गांधी पर "हत्या के प्रयास" का आरोप लगाते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है। भाजपा के आरोपों के जवाब में कांग्रेस ने भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। कांग्रेस ने दावा किया है कि भाजपा सांसदों ने विपक्षी नेताओं पर हमला किया और इसे "लोकतंत्र के खिलाफ साजिश" करार दिया। घटना का मुख्य कारण डॉ. भीमराव अंबेडकर के कथित अपमान को लेकर शुरू हुआ विवाद बताया जा रहा है। इस मुद्दे पर संसद परिसर में विपक्ष और एनडीए सांसदों के बीच तीखी बहस हुई, जो बाद में झड़प में बदल गई।
इस मामले ने संसद के अंदर और बाहर राजनीति को गर्मा दिया है। भाजपा और कांग्रेस एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं, जिससे देश की राजनीति में तनाव और गहराता जा रहा है। अब यह देखना होगा कि अपराध शाखा की जांच में क्या निष्कर्ष निकलते हैं और इस घटना पर कानून व्यवस्था और राजनीतिक परिदृश्य में क्या असर पड़ता है।