राहुल गांधी ने किया अनोखा अंदाज विरोध, राजनाथ सिंह को तिरंगा और गुलाब भेंट कर दिया अनोखा संदेश: VIDEO
punjabkesari.in Wednesday, Dec 11, 2024 - 12:46 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने संसद परिसर में एक अनोखे तरीके से केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध जताया। राहुल गांधी और कांग्रेस के अन्य नेताओं ने संसद परिसर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को तिरंगा और गुलाब का फूल भेंट किया। यह घटना तब घटी जब राजनाथ सिंह अपनी कार से संसद परिसर में प्रवेश कर रहे थे। जैसे ही उनकी कार रुकी, राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेता उनके पास पहुंचे और उन्हें तिरंगा और गुलाब का फूल भेंट कर दिया। यह प्रतीकात्मक रूप से उनके विरोध का इजहार था और केंद्र सरकार के खिलाफ संसद में होने वाली चर्चा से बचने का आरोप था, खासकर अडानी समूह के साथ जुड़ी कथित भ्रष्टाचार की जांच को लेकर।
इस अनोखे विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस का यह कदम गांधीवादी विचारधारा पर आधारित था। उन्होंने बताया कि कांग्रेस ने तिरंगा और गुलाब का फूल संसद में सत्तापक्ष के सांसदों को भेंट कर यह संदेश देने की कोशिश की कि वे अडानी के खिलाफ आरोपों पर संसद में चर्चा करने के लिए तैयार हैं। प्रतापगढ़ी ने यह भी कहा कि वर्तमान सरकार ने संसद को काम न करने देने की कसम खाई है और विपक्ष लगातार मांग कर रहा है कि अडानी मामले पर सदन में चर्चा की जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस मामले में चुप्पी साधे हुए है और अडानी को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
इस पूरे घटनाक्रम के बीच, 20 नवंबर से संसद के सत्र के दौरान दोनों सदनों में लगातार हंगामा देखा गया। कांग्रेस ने अडानी समूह के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर चर्चा की मांग की, जबकि बीजेपी ने आरोप लगाया कि सोनिया गांधी और कांग्रेस के अन्य नेताओं के जॉर्ज सोरोस से संबंध हैं। बीजेपी ने दावा किया कि जॉर्ज सोरोस द्वारा वित्त पोषित एक संगठन ने कश्मीर को भारत से अलग करने का समर्थन किया था। इस तरह के आरोपों को लेकर भी सदन में तू-तू, मैं-मैं का माहौल बना हुआ है।
#WATCH | Delhi | In a unique protest in Parliament premises, Congress MP and LoP Lok Sabha, Rahul Gandhi gives a Rose flower and Tiranga to Defence Minister Rajnath Singh pic.twitter.com/9GlGIvh3Yz
— ANI (@ANI) December 11, 2024
संसद में विपक्ष के प्रदर्शनों का सिलसिला जारी रहने के साथ, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना बनाई है। 10 दिसंबर को, विपक्षी गठबंधन INDIA (Indian National Developmental Inclusive Alliance) के दलों ने राज्यसभा में धनखड़ को हटाने के लिए एक नोटिस दिया। इन दलों का आरोप है कि उपराष्ट्रपति के रूप में धनखड़ ने हमेशा पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया है, जिससे सदन की कार्यवाही प्रभावित हुई है। हालांकि, विपक्ष के पास राज्यसभा में धनखड़ के खिलाफ प्रस्ताव पारित कराने के लिए जरूरी सदस्य संख्या की कमी है, फिर भी यह कदम एक कड़ा संदेश देने के रूप में देखा जा रहा है कि वे लोकतंत्र की रक्षा के लिए खड़े हैं।
हम गॉंधी के रास्ते पर संसद में सत्तापक्ष के सांसदों को तिरंगा और गुलाब देकर ये अपील कर रहे हैं कि अडानी के हाथों देश को मत बिकने दो। pic.twitter.com/oqSCbypVuH
— Imran Pratapgarhi (@ShayarImran) December 11, 2024
इन घटनाओं के बीच, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल लगातार अपनी आवाज़ उठाने की कोशिश कर रहे हैं कि सरकार अडानी मामले पर संसद में चर्चा कराए। उनका कहना है कि यदि इस मामले पर चर्चा नहीं की जाती है, तो यह संसद और लोकतंत्र की विश्वसनीयता के लिए एक बड़ा संकट बन सकता है। विपक्ष का यह मानना है कि यह सरकार का कर्तव्य है कि वह भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों पर संसद में खुलकर चर्चा करने की अनुमति दे, ताकि जनता को सच्चाई का पता चल सके।
राहुल गांधी द्वारा तिरंगा और गुलाब का फूल भेंट करने की यह घटना न केवल विरोध का प्रतीक बन गई, बल्कि यह देश की राजनीति में एक नई दिशा को भी जन्म देती है। इसने यह भी दिखा दिया कि कैसे विपक्ष अपनी असहमति को शांतिपूर्ण और प्रतीकात्मक तरीके से व्यक्त कर सकता है, जैसा कि गांधी के समय में हुआ करता था। इस पूरे घटनाक्रम ने राजनीतिक विश्लेषकों और जनता के बीच यह सवाल उठाया है कि क्या भारत की संसद में इस तरह के विरोध प्रदर्शन और आरोप-प्रत्यारोप लोकतंत्र की मजबूती का संकेत हैं या यह केवल राजनीतिक दांवपेंच का हिस्सा हैं। हालांकि, यह पूरी स्थिति लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और सदन की कार्यवाही पर एक गहरी छाप छोड़ने वाली है, खासकर जब विपक्षी दल लगातार यह आरोप लगा रहे हैं कि सरकार उन्हें अपनी आवाज उठाने से रोक रही है।