राहुल गांधी का बड़ा बयान: 'देश के युवा और Gen-Z करेंगे संविधान की रक्षा, रोकेंगे वोट चोरी'

punjabkesari.in Thursday, Sep 18, 2025 - 08:25 PM (IST)

नेशनल डेस्क : कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने देश के युवाओं, छात्रों और जनरेशन-जेड (Gen-Z) को संविधान और लोकतंत्र की रक्षा का जिम्मा सौंपते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, "देश के युवा, देश के स्टूडेंट्स और देश के Gen-Z संविधान को बचाएंगे, लोकतंत्र की रक्षा करेंगे और वोट चोरी को रोकेंगे। मैं उनके साथ हमेशा खड़ा हूं।" राहुल का यह बयान वोट चोरी के आरोपों के बीच आया है, लेकिन विपक्षी दल इसे नेपाल में हाल के Gen-Z आंदोलन से जोड़कर विवाद खड़ा कर सकते हैं, जहां युवाओं के प्रदर्शन ने तख्तापलट को जन्म दिया।

नेपाल में Gen-Z का आंदोलन: तख्तापलट का परिणाम
राहुल के बयान के संदर्भ में नेपाल का हालिया उदाहरण चर्चा में आ गया है। नेपाल में Gen-Z का यह आंदोलन इतिहास का पहला ऐसा प्रदर्शन था, जो सोशल मीडिया बैन के खिलाफ शुरू हुआ था। धीरे-धीरे यह हिंसक रूप ले लिया, जिसमें 34 से अधिक लोगों की मौत हो गई और हजारों घायल हुए। आंदोलन के बाद नेपाल में अंतरिम सरकार का गठन हुआ, और सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया गया। विपक्षी दल इस घटना का हवाला देकर राहुल के बयान को चुनौती दे सकते हैं, हालांकि राहुल ने शांतिपूर्ण रक्षा पर जोर दिया है।

वोट चोरी पर राहुल का हमला जारी
राहुल गांधी इन दिनों वोट चोरी के मुद्दे पर लगातार हमलावर हैं। 18 सितंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। कांग्रेस सांसद ने कहा कि चुनाव आयोग लोगों के वोट डिलीट कर रहा है, और इसके लिए गलत मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। राहुल ने दावा किया, "चुनाव आयोग के लोग ही हमें अब यह जानकारी दे रहे हैं।" उन्होंने कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र में वोटर लिस्ट में कथित फर्जीवाड़े का जिक्र किया।

चुनाव आयोग का स्पष्ट खंडन
राहुल के आरोपों पर चुनाव आयोग (ECI) ने तत्काल प्रतिक्रिया दी। आयोग ने कहा कि राहुल द्वारा लगाए गए सभी आरोप गलत और निराधार हैं। ECI ने स्पष्ट किया, "किसी भी आम नागरिक की ओर से ऑनलाइन किसी भी वोट को हटाया नहीं जा सकता। राहुल गांधी ने गलत धारणा बनाई है।" आयोग ने आगे कहा कि वोट डिलीट करने से पहले प्रभावित व्यक्ति को सुनवाई का अवसर दिया जाता है, और 2023 में आलंद में ऐसी असफल कोशिश पर स्वयं FIR दर्ज करवाई गई थी।

राहुल का बयान युवाओं को राजनीतिक रूप से सक्रिय करने का प्रयास लगता है, लेकिन नेपाल के उदाहरण ने इसे विवादास्पद बना दिया है। राजनीतिक गलियारों में इस पर बहस तेज हो रही है, जहां एक ओर लोकतंत्र की रक्षा का आह्वान हो रहा है, वहीं दूसरी ओर आंदोलनों के हिंसक परिणामों पर सवाल उठ रहे हैं।


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Content Editor

Shubham Anand

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