ऑफ द रिकॉर्डः हरियाणा पर राहुल गांधी का फैसला अंतिम
punjabkesari.in Thursday, May 03, 2018 - 09:36 AM (IST)
नेशनल डेस्कः 29 अप्रैल को नई दिल्ली में कांग्रेस की जनाक्रोश रैली में हरियाणा से हुड्डा ने सबसे ज्यादा भीड़ जुटाकर अपने आपको राज्य के एकमात्र कद्दावर नेता के रूप में सिद्ध कर लिया है लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि वह राज्य अध्यक्ष के महत्वपूर्ण पद को हथिया लेंगे। रैली के दौरान राहुल ने हुड्डा को पहली पंक्ति में बिठा कर उनके कद को बढ़ा दिया था लेकिन कुमारी शैलजा, अशोक तंवर, किरण चौधरी, रणदीप सुर्जेवाला जैसे उनके धुर विरोधी इससे असहज दिखे। इसके बावजूद भी हुड्डा के लिए राज्य अध्यक्ष का पद बहुत दूर है। इसके पीछे हुड्डा के विरोधियों का तर्क यह है कि वह भ्रष्टाचार के कई मामलों में सी.बी.आई. केस का सामना कर रहे हैं। उनकी इस छवि ने पहले ही राज्य कांग्रेस को काफी नुक्सान पहुंचाया।
ऐसे में उन्हें अध्यक्ष पद पर बिठाया गया तो पार्टी को काफी नुक्सान झेलना पड़ सकता है। इसी तरह से उनके समर्थकों का तर्क है कि राज्य की जनता हुड्डा के साथ है और मोदी सरकार उन्हें प्रताडि़त कर रही है। राज्य अध्यक्ष को लेकर राहुल गांधी कर्नाटक चुनावों के बाद ही कोई फैसला ले सकते हैं, पर राज्य की सरदारी को लेकर जो भी फैसला होगा उस पर अंतिम मोहर राहुल की ही लगेगी।