राहुल गांधी ने रायबरेली से नामांकन किया दाखिल, माँ सोनिया गांधी और बहन प्रियंका गांधी भी रहीं मौजूद
punjabkesari.in Friday, May 03, 2024 - 03:09 PM (IST)
नेशनल डेस्क: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को रायबरेली लोकसभा सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इस अवसर पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल की मां और कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनकी बहन प्रियंका गांधी, बहनोई रॉबर्ट वाड्रा, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाला और यूपी के कई कांग्रेस नेता उपस्थित रहे।
रायबरेली में राहुल के स्वागत के लिए कांग्रेस कार्यकर्ता और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता पूरी ताकत के साथ उमड़े। इंडिया ब्लॉक का हिस्सा दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने जोर-जोर से गांधी की जय-जयकार की और नारे लगाए। लोगों ने नेताओं पर पुष्पवर्षा की और विभिन्न व्यापारी संगठनों ने राहुल का अभिनंदन किया जो पहली बार रायबरेली से चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं और सपा कार्यकर्ताओं के बीच उस समय मामूली झड़प की सूचना मिली जब कार्यकर्ताओं ने "राहुल गांधी वापस जाओ" के नारे लगाए।
#WATCH | Uttar Pradesh: Congress MP Rahul Gandhi files nomination from Raebareli for the upcoming #LokSabhaElection2024
— ANI (@ANI) May 3, 2024
BJP has fielded Dinesh Pratap Singh from Raebareli. pic.twitter.com/R0IYOCnJA1
उधर, इससे पहले किशोरी लाल शर्मा ने भी अमेठी लोकसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल किया। आजादी के बाद से अब तक तीन मौकों को छोड़कर रायबरेली में कांग्रेस ही जीती है। इंदिरा गांधी के पति फ़िरोज़ गांधी ने पहली बार 1952 और 1957 में रायबरेली से जीत हासिल की, और 1960 में उनकी मृत्यु के बाद, कांग्रेस के आर पी सिंह और बैजनाथ कुरील ने 1967 में इंदिरा गांधी द्वारा इस पर कब्ज़ा करने तक सीट जीती। 1977 में जनता पार्टी के राज नारायण ने इंदिरा गांधी को हराया लेकिन 1980 में रायबरेली फिर से इंदिरा गांधी के पास चली गई।
#WATCH | Raebareli, Uttar Pradesh: BJP workers raise slogans of 'Rahul Gandhi wapas jao' at Congress leader and party candidate from Raebareli Rahul Gandhi pic.twitter.com/uzq5V5N3NK
— ANI (@ANI) May 3, 2024
1996 और 1998 में इस सीट पर बीजेपी के अशोक सिंह ने जीत हासिल की थी लेकिन इस दौरान गांधी परिवार का कोई भी सदस्य सक्रिय राजनीति में नहीं था। 2004 से 2019 तक सोनिया ने इस सीट पर कब्जा बरकरार रखा।