आॅफ द रिकार्ड: अकेले राहुल गांधी ही दिख रहे हैं हर जगह

punjabkesari.in Tuesday, May 14, 2019 - 10:46 AM (IST)

इलेक्शन डेस्क: चाहे वह महाराष्ट्र हो या कर्नाटक या बिहार या उत्तर पूर्व, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अकेले ही हर जगह दिख रहे हैं। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव कांग्रेस गठबंधन में लड़ रही है। इन राज्यों में उसने सहयोगियों संग सीटें भी बांटी हैं लेकिन गठबंधन के बाद कांग्रेस ने संयुक्त प्रचार के लिए इनके साथ मेल-जोल नहीं रखा। तमिलनाडु में डी.एम.के. और केरल जहां से राहुल स्वयं लड़ रहे हैं, के अतिरिक्त उन्होंने अपने किसी भी सहयोगी से मंच सांझा नहीं किया। यहां तक कि प्रियंका ने भी किसी सहयोगी से मंच सांझा नहीं किया। 
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महाराष्ट्र में जब एन.सी.पी. के साथ कांग्रेस का गठबंधन मूर्तरूप में आया तब राहुल ने शरद पवार से वादा किया था कि कम से कम वह उनके साथ 3 रैलियां संयुक्त रूप से करेंगे ताकि दोनों दलों के बीच की एकता को मजबूत किया जाए। यदि कांग्रेस ने शरद पवार को नागपुर और वर्धा रैलियों में नहीं बुलाया तो एन.सी.पी. की  बारामती से उम्मीदवार सुप्रिया सुले की रैली में जाने से भी राहुल बचे। आधे से अधिक चुनाव निकल गया है लेकिन अभी यह तय होना है कि मुम्बई में दोनों नेताओं की संयुक्त रैलियां कब होंगी। यह हाल तो उस महाराष्ट्र का है जहां से बहुत ज्यादा सीटें आती हैं, इस तरह का हाल कर्नाटक का भी है। 
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हालांकि यहां भी दोनों दल गठबंधन में चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन कोई भी रैली संयुक्त रूप से दोनों दलों द्वारा न किए जाने से भाजपा को अनजाने में बड़ा फायदा मिल गया है। बिहार में भी कांग्रेस ने आरजेडी के साथ गठबंधन किया है लेकिन वहां पर भी चुनाव के 6 चरण बीत गए हैं लेकिन राहुल व तेजस्वी एक-दूसरे के साथ कोई बेहतर तालमेल नहीं बिठा पाए। अभी तक बिहार में इन दोनों नेताओं ने केवल 2 रैलियां ही संयुक्त रूप से की हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस ने 12 राज्यों में 30 से ज्यादा दलों के साथ गठबंधन किया है।  
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vasudha

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