राघव चड्ढा ने राज्यसभा में उठाया AI का मुद्दा, भारत की प्रगति पर जताई चिंता
punjabkesari.in Tuesday, Mar 25, 2025 - 06:17 PM (IST)

नेशनल डेस्क : राज्यसभा के zero hour के दौरान मंगलवार को आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने AI यानि की ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ के मुद्दे पर बात की। उन्होंने कहा कि भारत की बड़ी जनसंख्या AI के वर्कफोर्स का हिस्सा है, फिर भी इस क्षेत्र में भारत को जितनी प्रगति करनी चाहिए थी, वह नहीं कर पाया है। चड्ढा ने यह भी कहा कि आने वाले समय में वह राष्ट्र ही ‘विश्व गुरु’ बनेगा जिसके पास AI की ताकत होगी। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारत को ‘मेक इन इंडिया’ के साथ-साथ ‘मेक AI इन इंडिया’ के मंत्र के साथ आगे बढ़ना होगा।
धनखड़ ने भारत को ‘विश्व गुरु’ बताया-
राघव चड्ढा के बयान के बाद राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने मुस्कुराते हुए कहा, "विश्व गुरु तो भारत ही होगा।" उनका यह बयान भारत के AI के क्षेत्र में भविष्य को लेकर विश्वास व्यक्त करने वाला था।
भारत का AI मॉडल कहां है-
चड्ढा ने कहा कि आज का दौर AI की क्रांति का युग है, और अमेरिका और चीन इस क्षेत्र में काफी प्रगति कर चुके हैं। अमेरिका के पास अपने AI मॉडल जैसे ChatGPT, जेमिनी और एन्थ्रॉपिक ग्रॉक हैं, वहीं चीन ने भी DeepSeek जैसा शक्तिशाली और सस्ता AI मॉडल विकसित किया है। उन्होंने सवाल उठाया कि भारत अपने जनरेटिव AI मॉडल के मामले में कहां खड़ा है?
<
Spoke in Parliament today on Artificial Intelligence.
— Raghav Chadha (@raghav_chadha) March 25, 2025
The US has ChatGPT, Gemini, Anthropic, Grok.
China has DeepSeek.
Where does India stand?
‘Make in India’ must now become ‘Make AI in India’.
Let’s invest in AI, skill our youth, and lead the world—not follow it. pic.twitter.com/qSKqBnu0u7
>
चड्ढा ने उठाया सवाल-
चड्ढा ने यह भी कहा कि 2010 से 2022 तक दुनिया में जितने पेटेंट रजिस्टर्ड हुए, उनका 60 प्रतिशत हिस्सा अमेरिका ने और 20 प्रतिशत हिस्सा चीन ने हासिल किया। वहीं भारत ने मात्र 0.5 प्रतिशत पेटेंट हासिल किए हैं। यह आंकड़ा भारत के AI क्षेत्र की धीमी प्रगति को दर्शाता है।
AI दक्षता में भारत की स्थिति तीसरी-
चड्ढा राघव चड्ढा ने कहा कि आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, लेकिन AI में अभी भी वह अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रभावी तरीके से नजर नहीं आ रहा है। चड्ढा ने कहा कि भारत के पास प्रतिभा, मेहनती लोग और डिजिटल अर्थव्यवस्था है, और यहां 90 करोड़ से अधिक इंटरनेट उपभोक्ता हैं। फिर भी भारत AI के उत्पादक बनने के बजाय उपभोक्ता बन चुका है।
उन्होंने यह भी बताया कि करीब 15 फीसदी भारतीय AI के क्षेत्र में भारत से बाहर काम कर रहे हैं, और AI दक्षता में भारत की रैंक तीसरी है। इसके बावजूद भारत AI में अन्य देशों से पीछे है।