पाकिस्तान की HQ-9B मिसाइल प्रणाली पर उठे सवाल: ऑपरेशन ''सिंदूर'' में नाकामी से चीन-पाक डिफेंस साझेदारी पर संकट
punjabkesari.in Monday, Jun 30, 2025 - 11:42 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः पाकिस्तान ने चीन से खरीदी गई एयर डिफेंस मिसाइल प्रणाली HQ-9B को भारत के S-400 ट्रायंफ के बराबर बताया था। लेकिन 7 से 10 मई 2025 के बीच भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन 'सुदर्शन चक्र' में इस सिस्टम की पूरी तरह नाकामी ने पाकिस्तान की वायु सुरक्षा रणनीति और चीन की सैन्य तकनीक पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पाकिस्तान ने HQ-9B क्यों खरीदी?
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पाकिस्तान ने 2021 में HQ-9P खरीदी थी और 2024 तक उसे HQ-9B में अपग्रेड कर लिया।
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चीन ने इसे S-400 जैसा सस्ता विकल्प बताया था, जिसमें
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250-300 किमी की रेंज
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8-10 लक्ष्यों को एक साथ निशाना बनाने की क्षमता
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मैक 14 तक स्पीड
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एयरक्राफ्ट, क्रूज मिसाइल और बैलिस्टिक मिसाइल को रोकने की तकनीक थी।
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चीन के इन दावों की वजह से पाकिस्तान ने रूस के S-300PMU-2 और S-350 Vityaz से बातचीत छोड़ दी।
ऑपरेशन 'सुदर्शन चक्र': IAF की सर्जिकल स्ट्राइक
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भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले (26 नागरिकों की मौत) के बाद जवाबी कार्रवाई की।
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भारतीय वायुसेना (IAF) ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और 11 PAF एयरबेस (जैसे नूर खान, भोलारी, शाहबाज) को निशाना बनाया।
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हमले में शामिल हथियार:
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ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल
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SCALP एयर लॉन्च क्रूज़ मिसाइल
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Harop (आत्मघाती ड्रोन)
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HQ-9B की विफलता: एक भी भारतीय मिसाइल को नहीं रोका
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HQ-9B लाहौर और सियालकोट जैसे संवेदनशील स्थानों पर तैनात था, फिर भी एक भी भारतीय मिसाइल या ड्रोन को इंटरसेप्ट नहीं कर सका।
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भारतीय इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर (EW) सिस्टम जैसे EL/M-2083 जैमर ने इसका C-बैंड HT-233 रडार पूरी तरह ब्लाइंड कर दिया।
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रिपोर्ट्स के अनुसार, HQ-9B के लॉन्चर और कमांड पोस्ट लाहौर में नष्ट कर दिए गए।
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चीन के नागरिकों ने सोशल मीडिया पर पाकिस्तान को "बिना ट्रेनिंग वाला उपयोगकर्ता" कहा।
भारत का S-400 ट्रायंफ: ऑपरेशन में जबरदस्त प्रदर्शन
तुलना बिंदु | HQ-9B (पाक) | S-400 ट्रायंफ (भारत) |
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अधिकतम मारक क्षमता | 300 किमी तक | 400 किमी तक |
टारगेट एंगेजमेंट | 8-10 लक्ष्यों पर हमला | 36 लक्ष्यों को एकसाथ निशाना |
रडार सिस्टम | पारंपरिक phased-array | मल्टी-एईएसए (AESA) रडार |
इलेक्ट्रॉनिक सुरक्षा | कमजोर | अत्याधुनिक जैमिंग रेसिस्टेंस |
प्रणाली की गहराई | सीमित बैटरियां (12-18) | 40+ लॉन्चर, मल्टी-लेयर डिफेंस |
ऑपरेशन के दौरान भारत के S-400 ने 314 किमी दूर से पाकिस्तान का AEW&C Saab Erieye-2000 विमान मार गिराया, जो किसी भी SAM सिस्टम के लिए अब तक का रिकॉर्ड है।
तकनीकी कमजोरियां जो HQ-9B को बना रही हैं बेअसर:
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Semi-active Radar Homing: लक्ष्य पर लगातार रोशनी डालनी पड़ती है, जिससे यह IAF के रुद्रम-1 जैसे एंटी-रेडिएशन मिसाइलों का आसान शिकार बन गया।
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कम लॉन्चर और कवरेज: पाकिस्तान के HQ-9B सिस्टम की बैटरी सिर्फ 12–18 है, जबकि भारत के पास 40+ S-400 लॉन्चर हैं।
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ट्रेनिंग की कमी: कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि HQ-9B की असफलता का बड़ा कारण पाकिस्तान का सिस्टम का गलत इस्तेमाल और अपर्याप्त प्रशिक्षण है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर असर:
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पाकिस्तान अब तुर्की के SIPER Block 1 और 2 और चीन के HQ-19 ABM सिस्टम में रुचि दिखा रहा है।
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HQ-9B की असफलता ने न सिर्फ पाकिस्तान की रणनीति को सवालों में डाला है, बल्कि चीन की वैश्विक हथियार बाजार में साख को भी नुकसान पहुंचाया है।
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सोशल मीडिया पर कमेंट्स जैसे:
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"HQ-9B अच्छा है, लेकिन पाकिस्तान ने इसे बेकार बना दिया।"
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"चीनी हथियार भारत के सामने फेल हो गए।"
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