तुर्की का बड़ा बयान ! रूस की डिफेंस टेक्नोलॉजी पर उठाए सवाल, S-400 पर बोला कड़वा सच
punjabkesari.in Saturday, Jun 28, 2025 - 12:26 PM (IST)

International Desk: तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोआन ने हाल ही में एक बड़ा और चौंकाने वाला बयान देकर अंतरराष्ट्रीय रक्षा जगत में हलचल मचा दी है। उन्होंने खुद सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि रूस से खरीदे गए प्रसिद्ध S-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम पूरी तरह से तुर्की की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर पा रहे हैं। राष्ट्रपति एर्दोआन ने कहा: “हमने रूस से S-400 सिस्टम बहुत उम्मीदों के साथ खरीदे थे। लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि यह प्रणाली हमारे देश को पूर्ण सुरक्षा देने में सक्षम नहीं है।”उनके इस बयान को न केवल तुर्की में, बल्कि रूस और नाटो देशों में भी साफ संकेत के रूप में देखा जा रहा है कि तुर्की अब रूस की सैन्य तकनीक पर पूरी तरह निर्भर नहीं रहना चाहता।
तुर्की और S-400 का विवादित सौदा
तुर्की ने 2017 में रूस से लगभग 2.5 अरब डॉलर की लागत से S-400 मिसाइल प्रणाली खरीदने का समझौता किया था। इस सौदे ने अमेरिका और नाटो सहयोगियों के साथ तुर्की के रिश्तों में तनाव पैदा कर दिया था। अमेरिका ने तुर्की को F-35 फाइटर जेट प्रोग्राम से बाहर कर दिया और प्रतिबंध भी लगाए।
क्या है S-400?
S-400 ट्रायम्फ रूस की सबसे उन्नत वायु रक्षा प्रणाली मानी जाती है। यह प्रणाली दुश्मन के विमानों, ड्रोन और मिसाइलों को 400 किमी की दूरी तक नष्ट करने में सक्षम बताई जाती है। रूस इस प्रणाली को"अजेय और अचूक" बताता रहा है। लेकिन तुर्की के राष्ट्रपति की टिप्पणी ने इन दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। माना जा रहा है कि S-400 सिस्टम ने प्रैक्टिकल स्थितियों में वैसा प्रदर्शन नहीं किया, जैसी उम्मीद की गई थी।मध्य पूर्व और सीरिया सीमा जैसे संवेदनशील इलाकों में इसके प्रभाव को लेकर असंतोष है। तुर्की अब अमेरिका या यूरोप से वैकल्पिक सिस्टम खरीदने पर विचार कर सकता है।
रूस की प्रतिष्ठा को झटका
रूस लंबे समय से S-400 को अपनी सबसे आधुनिक और शक्तिशाली प्रणाली बताता आया है। तुर्की जैसा ग्राहक यदि इसे अप्रभावी बताता है, तो अन्य संभावित खरीदारों पर असर पड़ सकता है। नाटो देश, खासकर अमेरिका, तुर्की के रूसी सिस्टम इस्तेमाल करने को लेकर चिंतित थे। अब जब तुर्की खुद इसकी सीमाएं मान रहा है, तो पश्चिमी सहयोगियों को तुर्की को दोबारा अपनी लाइन में लाना आसान हो सकता है।