अगले साल भारत दौरे पर आ सकते पुतिन, रूस ने कहा- तारीखें तय हो रहीं
punjabkesari.in Monday, Dec 02, 2024 - 03:27 PM (IST)
International Desk: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत आने का निमंत्रण दिया है, और उनके आगामी दौरे की तारीखों पर काम चल रहा है। क्रेमलिन के सलाहकार यूरी उशाकोव ने इस बारे में जानकारी दी, और कहा कि पुतिन का भारत दौरा 2025 की शुरुआत में हो सकता है। उशाकोव ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच एक समझौता है, जिसके अनुसार दोनों नेता हर साल एक-दूसरे से मिलते हैं। इस साल रूस की बारी है, और पुतिन ने मोदी का निमंत्रण स्वीकार करने की बात की है। उशाकोव ने एक ब्रीफिंग के दौरान कहा, "हमारे नेताओं के बीच हर साल मुलाकात करने का समझौता है, और इस बार यह रूस की बारी है। हमें प्रधानमंत्री मोदी का निमंत्रण मिला है, और हम इसे सकारात्मक रूप से विचार करेंगे।"
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच पहले भी कई बार उच्च स्तरीय संवाद हुए हैं। हाल ही में अक्टूबर 2024 में दोनों नेताओं की मुलाकात रूस के कज़ान शहर में आयोजित BRICS शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी, जहां दोनों देशों के संबंधों को और प्रगाढ़ करने पर चर्चा की गई थी। इस सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं ने वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचार विमर्श किया था, जिनमें सुरक्षा, ऊर्जा, और व्यापार जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल थे। पुतिन का भारत दौरा दोनों देशों के रणनीतिक संबंधों को और मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। भारत और रूस के बीच ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ सैन्य, व्यापारिक और ऊर्जा संबंध रहे हैं, और इस दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना जताई जा रही है।
भारत और रूस के बीच रिश्तों को और प्रगाढ़ बनाने के लिए इस दौरे का महत्व बढ़ जाता है, खासकर जब वैश्विक राजनीति में रूस और पश्चिमी देशों के बीच तनाव बढ़ रहा है। भारत, एक महत्वपूर्ण वैश्विक शक्ति के रूप में, रूस के साथ अपने सहयोग को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है, और यह दौरा इस दिशा में एक अहम पहल हो सकता है। इस दौरे में पुतिन और मोदी के बीच होने वाली चर्चा में विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों पर बात की जा सकती है, जैसे रक्षा उपकरणों की आपूर्ति, ऊर्जा सहयोग, और व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने के लिए कदम। साथ ही, यह बैठक भारत और रूस के बीच बढ़ती साझेदारी और सामरिक संबंधों को और मजबूत कर सकती है।