रूसी हमलों से अंधेरे में डूबा यूक्रेन; पुतिन ने कहा- अब हाइपरसोनिक मिसाइल अटैक करेंगे, जेलेंस्की ने पश्चिमी देशों से मांगी मदद
punjabkesari.in Friday, Nov 29, 2024 - 11:59 AM (IST)
International Desk: रूस ने गुरुवार रात यूक्रेन पर अब तक के सबसे बड़े हमलों में से एक को अंजाम दिया, जिससे पूरा देश बिजली संकट में डूब गया। इन हमलों में रूस ने 91 मिसाइलें और 97 ड्रोन का इस्तेमाल किया। यूक्रेन की ऊर्जा संरचना को निशाना बनाकर किए गए इस हमले के बाद 10 लाख से अधिक लोग अंधेरे में रहने को मजबूर हो गए। रूस ने इस हमले को यूक्रेन द्वारा अमेरिकी ATACMS मिसाइलों के इस्तेमाल का जवाब बताया। ये बैलिस्टिक मिसाइलें लंबी दूरी तक हमला करने में सक्षम हैं और हाल ही में यूक्रेन ने इन्हें रूसी क्षेत्रों पर हमले के लिए इस्तेमाल किया था। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इन हमलों को "पश्चिमी हथियारों का खतरनाक उपयोग" करार दिया और कहा कि रूस इसका कड़ा जवाब देगा।
ये भी पढ़ेंः- गूगल के पूर्व CEO की चेतावनी- AI गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड का जुनून बन सकता खतरनाक
इस हमले से पहले, पुतिन ने कजाखस्तान की राजधानी अस्ताना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि रूस यूक्रेन के "निर्णय लेने वाले केंद्रों" और कीव पर नई हाइपरसोनिक मिसाइलों का इस्तेमाल करने पर विचार कर सकता है। इस धमकी के कुछ घंटों बाद ही रूस ने यूक्रेन के ऊर्जा ग्रिड और ईंधन भंडारण केंद्रों पर हमला किया।
रूसी हमलों में यूक्रेन की ऊर्जा प्रणाली को मुख्य रूप से निशाना बनाया गया। यूक्रेन के अधिकारियों ने बताया कि अधिकांश मिसाइलें और ड्रोन बिजली उत्पादन और वितरण केंद्रों को तबाह करने के लिए दागे गए। हमले कारण 1 मिलियन से अधिक लोग अंधेरे में हैं। बिजली कटौती के कारण ठंड के मौसम में स्थिति और गंभीर हो गई है। ईंधन आपूर्ति बाधित होने से आवश्यक सेवाओं पर गहरा असर पड़ा है।
ये भी पढ़ेंः- चीन का तीसरे रक्षा मंत्री डोंग भ्रष्टाचार आरोपों में फंसे ! सेना का उच्च अधिकारी भी जांच के घेरे में
यूक्रेनी वायु सेना के अनुसार 17 क्षेत्रों में तैनात एयर डिफेंस सिस्टम ने 76 ड्रोन और कुछ मिसाइलों को गिराने में सफलता पाई जबकि बाकी मिसाइलों और ड्रोन ने ऊर्जा संयंत्रों और नागरिक इलाकों को भारी नुकसान पहुंचाया। हालांकि, हताहतों की सटीक संख्या का पता नहीं चल पाया है। रूसी हमलों के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने नाटो महासचिव, ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर और जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ सहित कई पश्चिमी नेताओं से मदद की गुहार लगाई। उन्होंने कहा हमारी ऊर्जा संरचना पर यह हमला सिर्फ यूक्रेन पर नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के शांति प्रयासों पर हमला है। हमें और अधिक सहायता की आवश्यकता है। जेलेंस्की ने अमेरिका और यूरोपीय संघ से अतिरिक्त हथियार, एयर डिफेंस सिस्टम, और आर्थिक सहायता की मांग की है।
गौरतलब है कि 25 नवंबर को रूस ने रातभर 188 लड़ाकू ड्रोन और चार इस्कैंडर-एम बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं थीं। इसे रूस का अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन हमला माना गया। यूक्रेनी डिफेंस ने बताया कि वायु सेना ने 76 ड्रोन मार गिराए और शेष ड्रोन और मिसाइलों ने नागरिक क्षेत्रों और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाया। रूस और यूक्रेन के बीच लगभग तीन वर्षों से चल रहा यह युद्ध अब नए और घातक हथियारों की दौड़ में बदल चुका है। रूस का दावा है कि यूक्रेन पश्चिमी हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है। जबकि यूक्रेन का कहना है कि रूस के हमले अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का उल्लंघन कर रहे हैं।