रूस-यूक्रेन युद्ध का सबसे भीषण दौर शुरू, पुतिन की नई रणनीति और ड्रोन हमले तेज
punjabkesari.in Tuesday, Nov 26, 2024 - 11:36 AM (IST)
इंटरनेशनल डेस्क। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का सबसे भीषण चरण अब शुरू हो गया है। यूक्रेन को अमेरिकी हथियार सप्लाई में कमी और राष्ट्रपति जेलेंस्की का भविष्य अनिश्चित होने से रूस को फायदा हो रहा है। वहीं रूस की सेना ने अपनी आक्रामकता बढ़ा दी है खासकर पूर्वी और दक्षिणी यूक्रेन में। रूस की सेना कीव की ओर भी अपनी घेराबंदी तेज कर रही है। इस रणनीति को "ऑपरेशन 20 जनवरी" कहा जा रहा है जो पुतिन की सेना का प्रमुख मिशन बन चुका है।
रूस की सेना अब यूक्रेन के इलाके पर कब्जा करने के लिए अपनी रणनीति को तेज कर रही है। रूस ने पिछले 24 घंटों में यूक्रेन के कई इलाकों पर बमबारी और आक्रमण किए हैं। इस दौरान ड्रोन हमलों का सहारा भी लिया जा रहा है। रूस ने यूक्रेन पर 73 ड्रोन हमले किए जिनमें से 50 को यूक्रेन ने नष्ट कर दिया। रूस ने कीव, सूमी, पोल्टावा और चर्कासी जैसे इलाकों को निशाना बनाया जिनमें से कीव पर 16 ड्रोन हमले किए गए।
यूक्रेन की सेना ने ड्रोन हमलों से बचाव के लिए अब रिहायशी इमारतों पर एंटी-ड्रोन नेट लगाने शुरू कर दिए हैं। इसका उद्देश्य ड्रोन से होने वाले नुकसान से इमारतों को बचाना है, क्योंकि यूक्रेन को डर है कि रूस जल्द ही कीव की घेराबंदी कर सकता है।
रूस का दावा है कि अब तक 25 फीसदी यूक्रेन पर उसका कब्जा हो चुका है। हाल ही में डोनेस्क और खारकीव के 300 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर रूस ने कब्जा किया है। रूस की सेना पोक्रोव्सक जैसे महत्वपूर्ण शहरों को भी घेरने की योजना बना रही है।
इस आक्रामकता के पीछे रूस का मुख्य उद्देश्य 2024 में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से पहले ज्यादा से ज्यादा इलाकों पर कब्जा करना है ताकि रूस बातचीत की टेबल पर मजबूत स्थिति में रहे। माना जा रहा है कि ट्रंप रूस-यूक्रेन विवाद को हल करने के लिए कड़ी कोशिश कर सकते हैं और इसलिए रूस ने अब युद्ध की गति बढ़ा दी है।
अंत में कहा जा सकता है कि रूस और यूक्रेन के बीच यह युद्ध फरवरी 2022 से चल रहा है और इसका भविष्य अभी भी अनिश्चित है। दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है और यह स्थिति कब तक चलेगी यह कहना मुश्किल है।