Pune Porsche case : घटना को लेकर हुआ एक और बड़ा खुलासा, प्रमुख डॉक्टर पर लगा गंभीर आरोप

punjabkesari.in Wednesday, Jun 12, 2024 - 09:25 PM (IST)

नई दिल्ली। पुणे पोर्श दुर्घटना मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है, जिसमें कथित रूप से नशे में धुत 17 वर्षीय एक लड़के ने बाइक सवार दो लोगों को टक्कर मार दी और उनकी मौके पर मौत हो गई थी। पुलिस सूत्रों ने खुलासा किया कि जिस डॉक्टर ने आरोपी के खून के नमूने बदलने में मदद की थी, उसने दलालों के एक नेटवर्क के जरिए कई अन्य लोगों को भी इसी तरह बचाया था। ससून अस्पताल के फोरेंसिक मेडिकल विभाग के प्रमुख डॉ. अजय तावड़े, जिन्हें इस मामले में गिरफ्तार किया गया है और जो न्यायिक हिरासत में हैं, उन डॉक्टरों में से एक हैं, जिन्होंने कथित तौर पर नाबालिग के खून के नमूनों को उसकी मां के नमूनों के साथ बदल दिया था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अंतिम रिपोर्ट में शराब न मिले। 

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डॉक्टर के दलाल परिवारों से संपर्क करते थे

पुणे क्राइम ब्रांच के सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि उनकी जांच से पता चला है कि यह पहली बार नहीं था जब डॉ. तावड़े ने ऐसा कुछ किया हो। जब भी नशे में धुत ड्राइवरों द्वारा लोगों को कुचलने और उनकी हत्या करने के हाई-प्रोफाइल मामले सामने आते थे, तो पुणे और पश्चिमी महाराष्ट्र के चार अन्य जिलों में फैले डॉक्टर के दलाल परिवारों से संपर्क करते थे और उनके रक्त के नमूनों को साफ नमूनों से बदलने की पेशकश करते थे, ताकि आरोपी कम आरोपों में बच सकें।

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तावड़े को दिए जाते थे पैसे

एक सूत्र ने बताया, "दलाल इस सेवा के लिए लाखों रुपए मांगते थे, आमतौर पर 5 लाख रुपये से अधिक, और यह पैसा डॉ. तावड़े को दिया जाता था, जिसमें से वे अपना हिस्सा रखते थे।" उन्होंने बताया कि यह तब से चल रहा है, जब से डॉक्टर ने करीब दो साल पहले फोरेंसिक विभाग का कार्यभार संभाला था। तावड़े पर पहले भी गंभीर आरोप लग चुके हैं। उन पर ड्रग मामलों और किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट में आरोप लगे थे, और कथित तौर पर एक विधायक और एक मंत्री की सिफारिश पर उन्हें फोरेंसिक विभाग के प्रमुख के पद पर प्रमोट किया गया था। पिछले महीने, ससून अस्पताल के डीन विनायक काले ने कहा था कि महाराष्ट्र के चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ और विधायक सुनील टिंगरे - दोनों एनसीपी के अजीत पवार गुट से हैं - ने एक पत्र लिखा था और डॉ. तावड़े को विभाग का प्रमुख बनाने के लिए कहा था। बयान देने के तुरंत बाद काले को अनिवार्य छुट्टी पर भेज दिया गया था। विधायक टिंगरे पर पोर्श दुर्घटना के बाद यरवदा पुलिस स्टेशन जाने और अधिकारियों पर मामले में नरम रुख अपनाने का दबाव बनाने का भी आरोप लगाया गया था। 

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बता दें कि दुर्घटना 19 मई को सुबह 2.15 बजे हुई थी, जब 17 वर्षीय किशोर, जो अपने कक्षा 12 के परिणामों का जश्न मनाने के लिए पुणे के दो पबों में अपने दोस्तों के साथ शराब पी रहा था, ने कल्याणी नगर इलाके में दो 24 वर्षीय आईटी पेशेवरों को टक्कर मार दी। वह 150 किमी प्रति घंटे से अधिक की गति से 2.5 करोड़ रुपये की पोर्श चला रहा था। बाइक चला रहे अनीश अवधिया उछलकर एक खड़ी कार से जा टकराए, जबकि पीछे बैठी अश्विनी कोष्टा 20 फीट ऊपर उछल गईं। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।


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News Editor

Rahul Singh

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