Kolkata Case : CM आवास से मायूस होकर लौटे डॉक्टर...जानिए वो कौन सी मांग है जिसे पूरा नहीं कर पा रही ममता बनर्जी
punjabkesari.in Sunday, Sep 15, 2024 - 01:27 PM (IST)
पश्चमि बंगाल : कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना ने शहर में एक गहरी चिंता और अशांति की स्थिति उत्पन्न कर दी है। यह मामला न केवल स्वास्थ्य क्षेत्र में व्यापक विरोध का कारण बना है बल्कि समाज के विभिन्न हिस्सों में भी गुस्से और आक्रोश को जन्म दिया है। वहीं, डॉक्टरों के हड़ताल ने स्वास्थ्य सेवाओं पर गहरा असर डाला है। डॉक्टरों ने इस मामले के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए अपनी सुरक्षा और न्याय की मांग की है। उनकी हड़ताल के कारण अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति गंभीर हो गई है, जिससे मरीजों को इलाज में कठिनाइयाँ हो रही हैं। हड़ताल का यह असर स्वास्थ्य प्रणाली पर भारी दबाव डाल रहा है और मरीजों की देखभाल पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है।
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हड़ताल से स्वास्थय सेवाओं पर पड़ रहा गंभीर असर
डॉक्टरों का प्रदर्शन लंबे समय से जारी है, और उनकी हड़ताल के चलते स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर असर पड़ा है। डॉक्टरों ने अपनी सुरक्षा और इस जघन्य अपराध के दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग की है। उनकी इस मांग पर राज्य सरकार के साथ बातचीत का प्रयास चल रहा है, लेकिन दोनों पक्षों के बीच कोई ठोस सहमति बनने में अभी तक विफलता मिली है। शनिवार की शाम को खबर आई कि ममता बनर्जी की सरकार और प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर बातचीत करने को तैयार हैं। यह संकेत था कि समस्या का समाधान संभव हो सकता है। लेकिन, इसके बावजूद, बातचीत नहीं हो पाई, और दोनों पक्षों के बीच सुलह का कोई ठोस प्रस्ताव सामने नहीं आया।
डॉक्टरों की ओर से लाइव स्ट्रीमिंग की मांग
बातचीत में विफलता के कारणों को समझना महत्वपूर्ण है। डॉक्टरों की ओर से लाइव स्ट्रीमिंग की मांग, और सरकार की ओर से इसके लिए असहमति ने बातचीत को एक जटिल मोड़ पर ला दिया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉक्टरों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया, लेकिन उन्होंने लाइव स्ट्रीमिंग की मांग की, जो कि राज्य सरकार ने न्यायिक प्रक्रिया के चलते मानने से इंकार कर दिया। इस असहमति के कारण, बातचीत का कोई ठोस परिणाम नहीं निकल सका।
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राज्य सरकार और डॉक्टरों के बीच स्थिति
- सरकार की पहल: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कई बार प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से बातचीत की पहल की है।
- डॉक्टरों की शर्तें: डॉक्टर अपनी शर्तों पर ही बातचीत करने को तैयार हैं। वे चाहते हैं कि बातचीत की लाइव स्ट्रीमिंग की जाए।
- सरकार की प्रतिक्रिया: मुख्यमंत्री ने कहा कि लाइव स्ट्रीमिंग संभव नहीं है क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में है। वे बातचीत की रिकॉर्डिंग के लिए तैयार हैं, लेकिन यह रिकॉर्डिंग कोर्ट की अनुमति के बाद ही प्रदान की जाएगी।
हाल की घटनाएँ
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बातचीत में बाधा: डॉक्टरों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री के आवास पर पहुंचा, लेकिन लाइव स्ट्रीमिंग की मांग को लेकर वे बातचीत के लिए तैयार नहीं हुए। इसके कारण मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों को अस्वीकार कर दिया।
- गिरफ्तारी: सीबीआई ने आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को गिरफ्तार किया। डॉक्टरों ने इस गिरफ्तारी को अपनी मांगों की पुष्टि के रूप में देखा है।
मुख्य बिंदु
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प्रदर्शनकारियों की निराशा: डॉक्टरों ने सीएम ममता बनर्जी पर भरोसा किया था कि वह लाइव स्ट्रीमिंग की अनुमति देंगी, लेकिन ऐसा न होने पर वे निराश हुए हैं।
- सीएम की प्रतिक्रिया: मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों के सीएम आवास पर प्रदर्शन को उनका अपमान मानते हुए प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अगर डॉक्टरों को बातचीत नहीं करनी थी, तो उन्होंने इसे प्रस्तावित क्यों किया?
यह स्थिति बहुत जटिल है, जिसमें दोनों पक्षों के बीच संवाद की कमी और स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव शामिल है। अगर शीघ्र समाधान नहीं निकाला गया तो इससे मरीजों को और भी अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस बीच, संबंधित अधिकारियों और प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को बातचीत की एक स्वीकार्य प्रक्रिया पर सहमति तक पहुंचने की जरूरत है ताकि इस गंभीर मुद्दे का समाधान हो सके और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर डाला जा सके।