8 घंटे, 892 मुस्कानें, इस राज्य ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड, CM ने कह दी यह बड़ी बात

punjabkesari.in Monday, Apr 21, 2025 - 04:06 PM (IST)

नेशनल डेस्क। पुणे में एक ऐतिहासिक और मानवीय पहल ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। भारत विकास परिषद विकलांग पुनर्वास केंद्र और ढोले पाटिल एजुकेशन सोसाइटी ने मिलकर केवल 8 घंटों में 892 दिव्यांगजनों को कृत्रिम हाथ और पैर लगाए। इस अभूतपूर्व कार्य को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है।

इस खास अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल और राज्य के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटील मौजूद रहे। कार्यक्रम का आयोजन पुणे के लॉ कॉलेज रोड स्थित भांडारकर इंस्टिट्यूट में किया गया जहां दिव्यांगजनों को उन्नत कृत्रिम अंग मुफ्त में प्रदान किए गए।

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड का सौंपा गया प्रमाणपत्र 

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधि स्वप्निल डांगरेकर ने इस रिकॉर्ड की आधिकारिक घोषणा की और प्रमाणपत्र मुख्यमंत्री फडणवीस की उपस्थिति में आयोजकों को सौंपा।

“हर व्यक्ति को जीने का अधिकार है”: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मौके पर कहा, “पश्चिमी संस्कृति कहती है कि केवल शक्तिशाली ही जीवित रहेगा लेकिन भारतीय संस्कृति मानती है कि हर व्यक्ति को जीने का अधिकार है। इस अधिकार को सुनिश्चित करना समाज की जिम्मेदारी है।” उन्होंने इस सेवा कार्य को एक प्रेरणादायक पहल बताते हुए कहा कि, “रिकॉर्ड बनाना एक पड़ाव हो सकता है लेकिन जो सेवा आत्मा से करते हैं उनके लिए यह यात्रा अंतहीन होती है।" उन्होंने आशा जताई कि संस्था भविष्य में और भी बड़े रिकॉर्ड बनाएगी।

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम

सीएम फडणवीस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिव्यांगजनों के लिए की गई पहलों की भी तारीफ की। उन्होंने बताया कि पहले जहां कृत्रिम अंग विदेशों से मंगवाए जाते थे वहीं अब भारत में ही ALIMCO (Artificial Limbs Manufacturing Corporation of India) जैसी संस्थाओं के माध्यम से विश्वस्तरीय कृत्रिम अंग बनाए जा रहे हैं।

सेवा भावना ने रचा इतिहास

भारत विकास परिषद विकलांग पुनर्वास केंद्र के अध्यक्ष दत्तात्रय चितले ने बताया कि इस रिकॉर्ड को बनाने में कई स्वयंसेवकों, डॉक्टरों, तकनीशियनों और दानदाताओं का विशेष योगदान रहा। उन्होंने कहा,
“ऐसे सेवा कार्य समाज में संवेदनशीलता, सहयोग और सकारात्मक सोच को जन्म देते हैं। हम भविष्य में भी इसी भावना के साथ आगे बढ़ते रहेंगे।”


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Rohini Oberoi

Related News