Tsunami alert: जुलाई 2025 में आ रही भयंकर तबाही! जापानी 'बाबा वेंगा' की डरावनी भविष्यवाणी से दहशत में लोग

punjabkesari.in Wednesday, May 21, 2025 - 12:34 PM (IST)

नेशनल डेस्क: क्या भविष्यवाणी सच में भविष्य को बयां कर सकती है? ये सवाल एक बार फिर दुनिया को परेशान कर रहा है – और इसकी वजह हैं जापान की रहस्यमयी मंगा आर्टिस्ट और कथित भविष्यवक्ता रियो तात्सुकी, जिन्हें अब लोग "जापानी बाबा वेंगा" के नाम से जानने लगे हैं। तात्सुकी की दो दशक पुरानी किताब "The Future I Saw" में दर्ज कई भविष्यवाणियां पहले ही सच हो चुकी हैं – 2011 की जापानी सुनामी से लेकर वैश्विक महामारी और एशिया में बढ़ती आपदाओं तक। लेकिन अब उनकी एक और भविष्यवाणी जुलाई 2025 को लेकर सामने आई है, जिसने न सिर्फ जापान बल्कि ताइवान और इंडोनेशिया तक चिंता की लहर दौड़ा दी है।

 क्या होगा जुलाई 2025 में?
रियो तात्सुकी की भविष्यवाणी के अनुसार, जुलाई 2025 में जापान के दक्षिणी समुद्र में पानी उबलने लगेगा और फिर समुद्र के नीचे एक भयानक ज्वालामुखी फटेगा। इसके बाद उठने वाली विशालकाय सुनामी, जापान के दक्षिणी द्वीपों, ताइवान के तटीय क्षेत्रों और इंडोनेशिया के कुछ हिस्सों को तबाह कर सकती है। उनका दावा है कि यह आपदा 2011 की फुकुशिमा त्रासदी से भी घातक हो सकती है। यदि पहले से सावधानी नहीं बरती गई, तो हजारों लोगों की जान खतरे में पड़ सकती है।

 "The Future I Saw": एक कल्पना या चेतावनी?
रियो तात्सुकी की किताब 1999 में प्रकाशित हुई थी और शुरुआत में इसे एक कलात्मक कल्पना माना गया। लेकिन जब 2011 की विनाशकारी सुनामी की तारीख और विवरण किताब से मेल खाए, तो इसे नजरअंदाज करना मुश्किल हो गया।

इस किताब की खास बातें:
-आपदाओं की संभावित तारीखें और घटनाओं का उल्लेख
-प्राकृतिक और मानव-जनित आपदाओं का कलात्मक वर्णन
-वैज्ञानिक आधार नहीं, लेकिन गहरी कल्पना और प्रतीकों का इस्तेमाल

पर्यटन पर पड़ा असर
तात्सुकी की जुलाई 2025 की सुनामी की भविष्यवाणी का असर जापान आने वाले पर्यटकों पर दिखने लगा है।
ट्रैवल एजेंसियों के अनुसार, बुकिंग में करीब 50% तक गिरावट आई है। यहां तक कि ईस्टर हॉलीडे जैसी छुट्टियों के दौरान भी पर्यटकों ने अंतिम समय में प्लान कैंसल कर दिए।

  वैज्ञानिकों की प्रतिक्रिया क्या है?
वैज्ञानिक समुदाय इन भविष्यवाणियों को तथ्यात्मक नहीं मानता, लेकिन उनका कहना है कि हाल ही में जापान, ताइवान और आसपास के क्षेत्रों में भूकंपीय हलचलें और ज्वालामुखीय गतिविधियां बढ़ी हैं। भले ही यह केवल संयोग हो, लेकिन ये गतिविधियां एक अतिरिक्त सतर्कता की मांग जरूर करती हैं।


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Content Writer

Anu Malhotra

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